महाराष्ट्र में सी फॉर्म न मिलने से जालंधर के उद्यमियों को हो रहा नुकसान
महाराष्ट्र की मार्केट में माल सप्लाई करने वाले जालंधर के उद्यमी भारी आर्थिक नुकसान उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : महाराष्ट्र की मार्केट में माल सप्लाई करने वाले महानगर जालंधर के उद्यमी भारी आर्थिक नुकसान उठाने को मजबूर हो रहे हैं। महाराष्ट्र में सी फॉर्म उपलब्ध नहीं है और उद्यमियों को मजबूरी में अपना माल बेचने की एवज में भारी टैक्स अदायगी करनी पड़ रही है। हालात यह है कि टैक्स अदायगी करने के बावजूद उद्यमी उत्पाद का दाम भी नहीं बढ़ा सकते हैं। वजह यह है कि मार्केट प्रतिस्पर्धा होने के चलते महाराष्ट्र के खरीदारों के पास अन्य विकल्प एवं कंपनियां मौजूद हैं।
वाल्व एंड कॉक्स एसोसिएशन के विमल जैन ने बताया कि जबसे जीएसटी लागू हुआ है, तभी से पंजाब के उद्यमियों को महाराष्ट्र में उक्त समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुछ तकनीकी कारणों की वजह से महाराष्ट्र में सी फॉर्म उपलब्ध ही नहीं हो पा रहे। अगर उद्यमी महाराष्ट्र में उत्पाद खरीदने वाले खरीदारों से मूल्य बढ़ाने की मांग करते हैं तो यह तो संबंधित पार्टी ही खराब करने वाली बात हो जाती है, क्योंकि उनके पास अन्य विकल्प मौजूद हैं। विमल जैन ने कहा कि उक्त समस्या मात्र किसी इंडस्ट्री विशेष से नहीं है, बल्कि टैक्सटाइल के अलावा लगभग अन्य सभी इंडस्ट्रीज को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब एवं विशेषकर जालंधर की कई इंडस्ट्रीज मुंबई में तो कारोबार कर ही रही हैं, जहां एक समान समस्या का ही सामना करना पड़ रहा है कि सी फॉर्म ही उपलब्ध नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में अति शीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए और उद्यमियों को तत्काल सी फॉर्म उपलब्ध करवाए जाने चाहिए।