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भोले शंकर की भक्ति व योग है विधायक बेरी की शक्ति, दोस्ती को मानते हैं सबसे बड़ी ताकत

कांग्रेस विधायक राजिंदर बेरी पर 50 साल उम्र की झलक दिखाई नहीं देती। इसका एक ही कारण है भगवान भोले शंकर की भक्ति और योग की शक्ति। सुबह की सैर और फिर योग और एक्सरसाइज में एक घंटा गुजारने के बाद बेरी पूरा दिन खुद को तरो-ताजा कर लेते हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 10:39 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 10:39 AM (IST)
भोले शंकर की भक्ति व योग है विधायक बेरी की शक्ति, दोस्ती को मानते हैं सबसे बड़ी ताकत
कांग्रेस विधायक राजिंदर बेरी की फाइल फोटो।

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। जालंधर सेंट्रल हलके से 57 साल के कांग्रेस विधायक राजिंदर बेरी पर उम्र के इस पड़ाव की झलक दिखाई नहीं देती। इसका एक ही कारण है भगवान भोले शंकर की भक्ति और योग की शक्ति। रात में जितने भी बजे बेरी सोएं, लेकिन सुबह उठने का समय छह बजे तय है। सुबह की सैर और फिर योग और एक्सरसाइज में एक घंटा गुजारने के बाद बेरी पूरे दिन के लिए खुद को तरो-ताजा कर लेते हैं।

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खालसा कालेज से सैर करके लौटने के बाद गाजर का जूस व नींबू पानी खुद बनाकर पीते हैं। इसके बाद थोड़ी देर अखबारों की सुर्खियों  में खो जाते हैं। पूरे हलके व शहर की समस्याओं की रिपोर्ट अखबारों से एकत्र करते हैं, फिर पूरे दिन की प्लानिंग करते हैं। सुबह नौ बजे घर का बना मक्खन व पराठे खाकर ही बेरी बाहर निकलते हैं। यह बेरी का रूटीन है। खाने में पराठे उनके सबसे ज्यादा पसंदीदा हैं। सुबह ही पराठें खाकर निकलते हैं। इसके बाद दिन में खाना नहीं खाते।

बेरी के पिता कामरेड ब्रिज लाल तेज तर्रार नेताओं में शामिल थे। साईं दास स्कूल से प्रारंभिक पढ़ाई के बाद डीएवी कालेज से बीए की डिग्री हासिल की। इस दौरान स्कूल से लेकर कालेज तक तमाम युवाओं की तरफ बेरी भी स्कूल से कालेज पहुंचने के बाद शरारती युवाओं में शुमार हो गए। कालेज की भंगड़ा टीम का सदस्य होने के बाद उनका ग्रुप बन गया है। इसके बाद बल्र्टन पार्क में लगे अमरूद के बागों से अमरूद तोड़कर खाना और तीन नंबर सरकारी बस से मुफ्त में सभी विद्यार्थियों ने सफर करना। माचिस का खेल उस दौर में सबसे पापुलर खेल होता था। बेरी इस खेल में मास्टर होते थे।

मद्दी के समोसे व राजिंदर की चाय के दीवाने हैं हमारे विधायक

मद्दी के समोसे व राजिंदर की चाय के बेरी आज भी दीवाने हैं। एक बार बांसा वाला बाजार में आग लग गई। फायर बिग्रेड को आग बुझाने में तीन दिन लग गए और बेरी तीन दिनों तक वहां आग बुझने का इंतजार करते रहे। घर वालों को भी नहीं पता था कि वह कहां हैं। स्कूल से नाम काट दिया गया। बात में जब बताया कि आग देख रहे थे तो दोबारा नाम लिखा गया। कुछ इस प्रकार के भोले-भाले बेरी जो कालेज पहुंचने के बाद ग्रुप के दोस्तों के साथ उनके दुश्मनों को पीटते भी थे।

बिना लाव लश्कर के हमेशा सिंपल पेंट शर्ट में दिखेंगे

हमेशा साधारण कपड़ों में दिखाई देने वाले बेरी को पहनने में साधारण पेंट शर्ट ही पसंद है। वेरका मिल्क प्लांट की एजेंसी से अपने व्यापारिक करियर शुरू करने वाले बेरी ने 25 हजार का लोन लेकर इंडियन आयल का टैंकर खरीदा फिर राशन डिपो लिया। शुरू से बेरी ने दोस्तों को पूरी तवज्जो दी। यही वजह है कि आज शहर में सबसे मजबूत ग्रुप में बेरी व उनके दोस्तों का ग्रुप भी शुमार है। सभी दोस्त एक दूसरे को एक दूसरे की ताकत मानकर चलते हैं। दोस्तों के ग्रुप की रोजाना शाम को हर हाल में बैठक भी होती है।

हर साल अमरनाथ यात्रा में जरूर होते हैं शामिल

पहली बार दोस्तों के साथ 24 साल पहले बेरी अमरनाथ यात्रा पर गए तो आक्सीजन की समस्या हो गई, लेकिन फौजियों ने मदद कर जान बचाई। दूसरी बार आतंकियों का हमला हो गया। इनकी कार पर भी चार गोलियां लगीं। उसके बाद से बेरी हर साल अमरनाथ यात्रा जाते हैं और दिन में एक बार भगवान शंकर के सामने जरूर मत्था टेकते हैं। करीब 40 साल से गोपाल नगर के गुरुद्वारे में भी बेरी रेगुलर टाइम निकालकर मत्था जरूर टेकते हैं। सुबह से लेकर रात को सोने से पहले बेरी एक बार भंगड़े के लिए टाइम जरूर निकलते हैं। यह इनकी शारीरिक व मानसिक फिटनेस का भी राज है। भंगड़ा डालकर बेरी दिनभर का तनाव भी दूर कर लेते हैं।


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