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पंजाब में किसान कर्ज माफी की पहली सूची विवादों में, गरमाया माहौल

पंजाब में किसान कर्ज माफी को लेकर जारी पहली सूची पर विवाद हो गया है। कहीं छोटे किसान हुए बाहर तो कहीं बड़े किसानों का नाम सूची में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 03 Jan 2018 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 11:11 AM (IST)
पंजाब में किसान कर्ज माफी की पहली सूची विवादों में, गरमाया माहौल
पंजाब में किसान कर्ज माफी की पहली सूची विवादों में, गरमाया माहौल

जेएनएन, जालंधर। पंजाब सरकार की ओर से 7 जनवरी को कर्ज माफी के लिए किए जा रहे राज्यस्तरीय कार्यक्रम से पहले ही माहौल गरमा गया है। किसानों की कर्ज माफी के लिए जारी पहली सूची ही अनियमितता के चलते विवादों में आ गई है। सूची में कहीं पात्र होते हुए भी छोटे किसानों को बाहर कर दिया गया है तो कहीं बड़े किसानों का नाम सूची शामिल कर कर्ज माफी का लाभ दे दिया गया है। इस अनियमितता के खिलाफ किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है।

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बठिंडा में पहली सूची में जिले के 15 हजार किसान शामिल हैं। इनके लिए कुल 51 करोड़ रुपये की राशि मंजूर हो गई है। यह राशि पांच जनवरी तक संबंधित किसानों के बैंक खातों में जमा किए जाने की संभावना है।  मानसा में करीब 18,0 89 किसानों को सूची में शामिल किया गया है। इनके 3400 करोड़ के कर्ज माफ किए जाएंगे।  संगरूर में भी 17088 किसानों का नाम सूची में शामिल है।  उधर, दो या ढाई एकड़ जमीन वाले किसानों को कर्ज माफी की पहली सूची से बाहर करने के विरोध में मानसा में किसानों ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव करने की चेतावनी दी है।

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के मानसा जिला प्रधान राम सिंह भैनी बाघा ने कहा कि यदि सरकार ने जारी सूची में संशोधन न किया गया तो सात जनवरी को कर्जमाफी के लिए होने वाले राज्य स्तरीय समारोह के दौरान मुख्यमंत्री का घेराव किया जाएगा। किसान जत्थेबंदियों ने 22 से 26 जनवरी तक डीसी दफ्तरों के बाहर पांच दिवसीय धरना लगाने का भी फैसला लिया है।

ऐसे समझें कर्जमाफी के वादे को

कांग्रेस चुनावी घोषणापत्र में वायदा किया था कि सभी किसानों को कर्ज सरकार बनते ही माफ कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार आर्थिक हालत का हवाला देकर पहले पांच एकड़ तक के जमीन पर लिए दो लाख तक का कर्ज माफ करने की बात कही। अब गांवों में चस्पा की गई सूचियों में सिर्फ ढाई एकड़ वाले किसानों का नाम ही है। इसमें भी कई उन किसानों के नाम गायब हैं, जिनकी जमीन ढाई एकड़ से भी कम है।

7 कनाल जमीन वाला किसान भी सूची से बाहर

गढ़शंकर के किसान जोङ्क्षगदर सिंह ने बताया कि उसके पास सिर्फ नौ कनाल जमीन है, फिर भी कर्ज माफी की सूची में नाम नहीं है। इसी तरह बठिंडा के गांव गिद्दड़ के बाबू सिंह ढाई एकड़ और गांव पूहला के बलबीर सिंह महज सवा एकड़ जमीन के मालिक हैं। इनका कर्ज भी मात्र हजारों में है, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है। जबकि अधिक एकड़ जमीन के कई किसानों ने नाम सूची में शामिल हैं।

सूची में कांग्रेस नेताओं के चहेते किसानों के नाम : भाकियू

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के प्रधान शिंगारा सिंह मान ने आरोप लगाया कि पहली सूची में ही किसानों के साथ भेदभाव हो गया है। इस सूची में कांग्रेसी नेताओं के अपने चहेते किसानों के नाम शामिल हैं। सबसे पहले ढाई एकड़ जमीन तक के किसानों की कर्ज माफी की सूची जारी करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

छह जनवरी को जारी होगी अगली सूची

सहकारी सभाओं के जिला संगरूर के रजिस्ट्रार बलजिंदर सिंह ने बताया कि पहली सूची 30 दिसंबर को जारी की गई थी। अगली सूची अब 6 जनवरी को जारी की जाएगी। किसान बेशक अपने स्तर पर इन सूचियों को लेकर सवाल भी खड़े कर रहे हैं, ङ्क्षकतु कोई पटवारी किसी भी जमीन की मालकी संबंधी किसी को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। पूरी पड़ताल के बाद ही सूचियां जारी की गई है।

संगरूर में एक दिन में पांच हजार किसानों ने दर्ज कराए एतराज

कर्जमाफी की जारी हुई पहली सूची में बडे किसानों का नाम दर्ज करने या किसी पात्र किसान का नाम न दर्ज होने की मिल रही शिकायतों के एतराज तहसीलों में दर्ज किए जा रहे हैं। जिला संगरूर में मंगलवार को पांच हजार से अधिक एतराज किसानों ने दर्ज कराए हैं।  प्रशासन का दावा है कि किसी भी असल लाभार्थी को कर्जा माफी के दायरे से बाहर नहीं रखा जाएगा।

भदौड़ के 3 एकड़ वाले किसान को बताया 6 एकड़ का मालिक

बरनाला जिले की कोआपरेटिव सोसाइटी भदौड़ की लापरवाही किसान ङ्क्षबदर सिंह पर भारी पड़ गई। तीन एकड़ जमीन के मालिक बिंदर को कोओपरेटिव सोसाइटी की तरफ से जारी कापी में छह एकड़ का मालिक बताया गया है। इसका पता उसे उस समय चला जब वह कर्ज माफी की पहली लिस्ट में अपना नाम देखने मंगलवार को सोसायटी के दफ्तर पहुंचा। यहां आकर उसे पता चला कि उसका नाम सूची में नहीं है।

किसान बिंदर सिंह निवासी मोहल्ला गुंदारे ने बताया के उसके पास 7 एकड़ जमीन है व वह दो भाई है। बंटवारे के बाद उसके हिस्से में 3 एकड़ जमीन आई है। पता करने पर उसे जानकारी मिली कि कोआपरेटिव सोसाइटी किसानों को जो किसान कापी जारी करती है, उसमें उसे 6 एकड़ का मालिक बताया गया है। जबकि उसकी व उसके भाई जसपाल सिंह की अलग कापी बनी हुई है। सोसायटी के सचिव साधु सिंह ने कहा कि इस किसान की कापी बहुत समय पहले की बनी हुई है। किसान अपना एतराज जता सकता है, अगर पात्र हुआ कर्ज जरूर माफ होगा।

सूची में कितने किसान

15,000 किसान बठिंडा में
18,0 89 किसान मानसा में
17088 किसान संगरूर में

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