Move to Jagran APP

उल्टा चश्मा: लायंस क्लब लीडरों का अलायंस में मोह, कई थाम चुके हैं दामन

पूरी तरह से भारतीय क्लब होने के कारण राष्ट्रीयता की भावना लायंस क्लब लीडरों अलायंस की तरफ खींच लाई है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 08:50 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 08:50 AM (IST)
उल्टा चश्मा: लायंस क्लब लीडरों का अलायंस में मोह, कई थाम चुके हैं दामन
उल्टा चश्मा: लायंस क्लब लीडरों का अलायंस में मोह, कई थाम चुके हैं दामन

जालंधर, [शाम सहगल]। अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब के वरिष्ठजनों का मोह तेजी के साथ अलायंस क्लब में बढ़ रहा है। यही कारण है कि एशिया के सबसे बड़े क्लबों में शुमार लायंस क्लब जालंधर के अध्यक्ष रहे जीडी कुंद्रा ही नहीं बल्कि लायंस क्लब के पुराने सदस्यों में गिने जाते केवल शर्मा, कुलविंदर फुल्ल, एनके महेंद्रू, डॉ. विपुल त्रिखा सहित कई पुराने लायन अब अलायंस के हो गए हैं। विशेष बात यह है कि इन सभी ने लायंस क्लब को छोड़ा नहीं है, बल्कि उसमें रहते हुए ही अलायंस क्लब का दामन भी थाम लिया है। बताया जा रहा है कि शुद्ध रूप से भारतीय क्लब होने के कारण भी राष्ट्रीयता की भावना उन्हें अलायंस की तरफ खींच लाई है। वे किस क्लब में ज्यादा सक्रिय रहते हैं यह तो समय बताएगा। फिलहाल तो अलायंस क्लब का आकर्षण सभी को अपनी ओर खींचने में सफल होता दिखाई दे रहा है।

loksabha election banner

कारोबार बचाने को एक होने लगे

मकसूदां सब्जी मंडी में इन दिनों राजनीति पूरे चरम पर है। दो नहीं बल्कि तीन-तीन गुटों में बंटे हुए आढ़ती अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। कोई अपनी राजनीतिक पैठ के बल पर तो कोई मंडी में अपने अस्तित्व का जोर दिखाते हुए अपनी बात मनवाने के लिए हर तिकड़म लड़ा रहा है। अभी आढ़ती अलग-अलग जगह पर कारोबार कर रहे थे। इससे कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा था। एक जगह से सब्जियां खरीदने वाले रिटेल कारोबारी को आलू, प्याज व टमाटर खरीदने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था। आखिरकार गुटबाजी छोड़कर इन दिनों सभी आढ़ती एक ही जगह पर करोबार करने के लिए तैयार हो गए हैं। खास बात यह है कि अपने स्तर पर इस समस्या का समाधान करने के लिए एक गुट ने जिला मंडी बोर्ड से एक जगह पर थोक कारोबार करने की मांग की और बाकी सभी एक सुर में इसका समर्थन करने लगे।

विरोध के बाद बैकफुट पर सरपंच

प्रतापपुरा सब्जी मंडी में थोक कारोबार करने वालों को दुकानें अलॉट करने के लिए सरपंच ने जो ताना-बुना था, उसका पंचायत सदस्यों ने विरोध कर दिया। इससे तमाम तैयारियों का दावा करने वाले सरपंच बैकफुट पर चले गए हैं। भले ही सरपंच थोक दुकानदारों को दुकानें अलॉट करने का आज भी दावा कर रहे हैं, लेकिन अब यह संभव नहीं है। दरअसल, मकसूदां सब्जी मंडी में बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रतापपुरा अनाज मंडी में सब्जी मंडी विकसित की है। फड़ पर कारोबार कर रहे कारोबारियों की मांग पर प्रतापपुरा गांव के सरपंच ने पंचायत की जमीन पर ही दुकानें बनाकर इन्हेंं अलॉट करने की योजना बनाई थी। इसके लिए कारोबारियों से बाकायदा आवेदन भी ले लिए गए, लेकिन अगले ही दिन गांव के कुछ पंचायत सदस्यों ने इसका विरोध कर दिया। मामला बढ़ता देखकर सरपंच ने भी इस मामले में कदम पीछे खींचना ही उचित समझा।

दुकानदारों को नहीं भाया नया समय

30 जून को लॉकडाउन खत्म होने के बाद दुकानदारों की ओर से मांग किए जाने के बगैर ही सरकार ने दुकानें बंद करने का समय शाम सात बजे की बजाय रात आठ बजे कर दिया है। यह समय दुकानदारों को तनिक भी नहीं भा रहा। कारण, इन दिनों बाजारों में दिन भर सन्नाटा पसरा रहता है, जिससे दुकानदारों का दिन गुजारना भी मुश्किल हो गया है। कई बार तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि दुकानदार बिना बोहनी किए ही घर लौट रहे हैं। यही नहीं शहर के अटारी बाजार के साथ सटे इलाके पीर बोदलां बाजार में तो यहां के दुकानदार अब भी निर्धारित समय से पहले ही दुकानें बंद कर रहे हैं। उनका मानना है कि इन दिनों लोगों में खरीदारी का रुझान बेहद कम होने के चलते दिन ढलते ही बाजार वीरान हो जाते हैं। ऐसे में दुकानदार अब पुराने समय को ही बेहतर बता रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.