लेदर कारोबारियों को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत, सुनवाई 14 January तक टली
नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल के निर्देशों पर जालंधर में लेदर यूनिट्स को ताला लगा दिया गया है। इसी को लेकर कारोबारियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
चंडीगढ़/जालंधर, जेएनएन। एनजीटी के निर्देश पर जालंधर लेदर कांप्लेक्स में तालाबंद की गईं डाइंग यूनिटस को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। मामले को लेकर हाईकोर्ट में 14 जनवरी तक सुनवाई टल गई है। प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन न करने के कारण लगभग तीन से महीने शहर में 62 लेदर यूनिट्स बंद पड़ी हैं।
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गत अक्टूबर में जालंधर लेदर कांप्लेक्स स्थित सभी फैक्टियां (टैनरीज) बंद करने का आदेश दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से लेदर यूनिट्स का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था और उनकी तालाबंदी कर दी गई थी। दरअसल, पंजाब एफ्लुएंट ट्रीटमेंट सोसायटी फॉर टैनरीज और अन्य ने पंजाब लेदर फेडरेशन और अन्य के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें लेदर फेडरेशन के सदस्यों ने लेदर कांप्लेक्स स्थित टैनरीज पर प्रदूषण नियंत्रण नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए थे।
यूनिट्स पर ताला लगाए जाने के बाद लेदर कारोबारियों ने राहत पाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि सोमवार को उन्हें राहत नहीं मिल पाई। अब मामले की सुनवाई 14 जनवरी को होगी। उल्लेखनीय है कि जैसे-जैसे समय बीत रहा है। लेदर कारोबारियों को अपनी पूंजी डूबने की चिंता सता रही है। उनका कहना है कि यूनिट बंद होने के बाद भी वह अभी अपनी जेब से मजदूरों और कामगारों को भुगतान कर रहे हैं। अगर कारीगर अपने गृह प्रदेश लौट गए तो उनके लिए यूनिट को बहाल करना असंभव हो जाएगा।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें