KMV इमर्जिंग ट्रेड्स आफ बोटेक्निकल स्टडी पर दो दिवसीय वर्कशाप शुरू, 80 छात्राओं ने लिया भाग
वर्कशॉप के पहले दिन डा. रजिन्दर कौर और डॉ. सरोड़ अरोड़ा ने बतौर स्रोत वक्ता शिरकत की। इस दौरान पौधों के सीड बैंकस के रूप में रख-रखाव क्रियोप्रिजर्वेशन ऑफ जम्पर्लाज्म टिशु कल्चर टेक्नोलॉजी आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की।
जालंधर, जेएनएन। शहर के कन्य महाविद्यालय (केएमवी) में इमर्जिंग ट्रेड्स आफ बोटेक्निकल स्टडीज विषय पर दो दिवसीय ई-वर्कशाप का आयोजन किया गया, इसमें बीएससी मेडिकल, एमएससी बाटनी की 80 छात्राओं ने भाग लिया। बीएससी मेडिकल तथा एमएससी बाटनी की 80 छात्राओं की प्रतिभागिता वाली इस वर्कशॉप के पहले दिन डा. रजिन्दर कौर और डॉ. सरोड़ अरोड़ा, बोटैनिकल एंड एनवायरनमेंटल साइंस विभाग, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर ने बतौर स्रोत वक्ता शिरकत की।
छात्राओं को एकसीटू कंजर्वेशन ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स: वर्चुअल टूर टू बोटैनिकल गार्डन ऑफ जी.एन.डी.यू. विषय पर संबोधित होते हुए उन्होंने चिकित्सक पौधों के सीड बैंकस के रूप में रख-रखाव, क्रियोप्रिजर्वेशन ऑफ जम्पर्लाज्म, टिशु कल्चर टेक्नोलॉजी आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने यूनिवर्सिटी बोटैनिकल गार्डन की छात्राओं को वर्चुअल फेरी भी करवाई और साथ ही गार्डन के विभिन्न भागों जैसे-हर्बल गार्डन, ग्रीन हाउस, लिली पूल, फरन हाउस, ग्रीन हाउस आदि के बारे में भी समझाया। दूसरे स्रोत वक्ता डॉ. सरोज अरोड़ा ने हर्बल फॉर्मूलेशन इन हेयर, स्किन एंड ओरल केयर: करंट चैलेंजिस इन अपग्रेडेशन एंड मॉडर्नाइजेशन विषय पर संबोधित होते हुए त्वचा, बाल, दांतों एवं मुंह की देखरेख के लिए हर्बल कॉस्मेटिक्स के उपयोग के बारे में विस्तार सहित बात करने के साथ-साथ पौधों के आर्थिक महत्व के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
वर्कशॉप के दूसरे दिन डॉ. सरोड़ अरोड़ा ने एक वर्चुअल टूर आयोजित किया जिसके दौरान गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की लैबोरेट्रीज तथा वहां उपयोग किए जाते अत्याधुनिक उपकरणों जैसे-एल.सी.एम.एस., माइक्रो टी.एफ., एटॉमिक अब्जॉप्र्शन, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, स्कैनिंग इलेक्टरान माइक्रोस्कोप आदि से छात्राओं को वाकिफ करवाया। विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने इस वर्कशॉप के सफल आयोजन के लिए बॉटनी विभाग को मुबारकबाद देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों का आयोजन छात्राओं को संबोधित विषय के बारे में व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें शोध के क्षेत्र में भी गंभीरता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।