जालंधर किडनी कांड : ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर साधना गिरफ्तार
बहुचर्चित किडनी कांड की राजदार नेशनल किडनी अस्पताल की ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर नीना रानी उर्फ साधना को पुलिस ने सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया। एसआइटी चीफ व एडीसीपी (क्राइम) जे इलनचेलिअन ने साधना की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। बहुचर्चित किडनी कांड की राजदार नेशनल किडनी अस्पताल की ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर नीना रानी उर्फ साधना को पुलिस ने सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया। एसआइटी चीफ व एडीसीपी (क्राइम) जे इलनचेलिअन ने साधना की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि साधना के फोन की टावर लोकेशन से ही उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली। सोमवार शाम तो वह बस स्टैंड पर आई थी जहां से मुकेरियां जाने वाली बस में बैठने लगी थी, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा। उधर, इस कांड में आरोपी लैब टेक्नीशियन हरमिंदर से भी पुलिस ने पूछताछ की।
एडीसीपी ने बताया कि साधना के खिलाफ जुनैद ने बयान दिए थे जिसके बाद पुलिस की जांच में भी साधना आरोपी निकली थी। साधना से एसआइटी ने पांच घंटे तक पूछताछ की। वह खुद को बेकसूर बता रही है। उसका कहना है कि उसे मामले में फंसाया जा रहा है। पुलिस देर रात तक महिला पुलिस कर्मियों की मदद से उससे पूछताछ करती रही। देर रात पुलिस ने मुख्य आरोपी जुनैद व हरमिंदर सिंह के सामने साधना से पूछताछ की। पुलिस ने इस बारे में कोई आधिकारिक खुलासा तो नहीं किया है लेकिन पता चला है कि तीनों के तार आपस में जुड़े पाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि अस्पताल के डॉ. राजेश अग्रवाल ने भी किडनी ट्रांसप्लांट के लिए तैयार होने वाली फाइलों व दस्तावेजों में हेरीफेरी के लिए निचले स्टाफ को ही कसूरवार बताकर अपना दामन बचाने की कोशिश की थी। जुनैद ने साधना पर आरोप लगाया था कि वह किडनी प्रत्यारोपण के प्रति केस में 50 हजार रुपये लेती थी।
इलाज के दौरान जुनैद से जुड़े साधना के तार
बीते साल जुनैद ने अपनी किडनी निकलवाई थी। इसके बाद वह दवा आदि लेने आता था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इसी दौरान दोनों एक दूसरे के संपर्क में आए। साधना ने जुनैद को और लोग लाने को कहा जिसके बाद जुनैद ने छह लोगों की किडनी निकलवाई ।
पता चला है कि साधना गिरफ्तारी से पहले लुधियाना, मुकेरियां तथा अमृतसर के अलावा जालंधर में भी रही। पुलिस उन सभी लोगों तक पहुंचेगी जिनके पास साधना रही थी ताकि शरण देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई हो।