Move to Jagran APP

शराब ठेकेदारों को व्यवसाय में बनाए रखना एक्साइज विभाग की बनेगा चुनौती

प्रदेश में शराब की बिक्री के लिए नई पालिसी बनाने में जुटी एक्साइज विभाग के अफसरशाही के लिए शराब के ठेकेदारों को व्यवसाय में रखना ही एक बड़ी चुनौती बनेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 08:39 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 08:39 PM (IST)
शराब ठेकेदारों को व्यवसाय में बनाए रखना एक्साइज विभाग की बनेगा चुनौती
शराब ठेकेदारों को व्यवसाय में बनाए रखना एक्साइज विभाग की बनेगा चुनौती

जागरण संवाददाता, जालंधर : प्रदेश में शराब की बिक्री के लिए नई पालिसी बनाने में जुटी एक्साइज विभाग के अफसरशाही के लिए शराब के ठेकेदारों को व्यवसाय में रखना ही एक बड़ी चुनौती बनेगा। कई शराब ठेकेदार आगामी जून के बाद शराब ठेके लेने के इच्छुक ही नहीं है। पुराने शराब ठेकेदार विदेश जाने की कवायद में जुटे हुए हैं तो कई किसी अन्य व्यवसाय में जाने की कोशिश कर रहे हैं।

loksabha election banner

शराब ठेकेदारों का शराब की बिक्री के व्यवसाय से मोहभंग होने की मुख्य वजह अवैध शराब और शराब की तस्करी ही बनी है, जो सीधे तौर पर शराब ठेकों की बिक्री को बुरी तरह से प्रभावित किए हुए है। ऐसा इसी वर्ष नहीं हुआ है, बल्कि पिछले कई वर्षों से हो रहा है। यही वजह है कि कुछ सर्किल ऐसे हैं जिन्हें शराब ठेकेदारों को बेच पाना एक्साइज विभाग के अधिकारियों के लिए भारी चुनौती बन बैठता है। एक्साइज विभाग की अफसरशाही को ऐसे सर्किल बेचने में नियम सरल करने पड़ते हैं। कई जगह पर सर्किलों की ग्रुपिग कर देनी पड़ती है और कई जगह तो खुद सिडीकेट बनवाना पड़ जाता है ताकि घाटा खाने से गुरेज कर रहे शराब ठेकेदार इकट्ठे होकर बिक्री कर सकें।

शराब ठेकेदारों को तस्करी और अवैध शराब की बिक्री वाले इलाकों में ही भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है। महानगर के बस्तियात क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां पिछले कुछ वर्षों से ठेके बेचने के लिए विभाग के पसीने छूट जाते हैं। शराब ठेकेदार इन क्षेत्रों में शराब ठेके लेने के लिए ही राजी नहीं होते हैं। ठेकेदारों का कहना है कि एक्साइज और पुलिस विभाग के तमाम दावों के बावजूद चंडीगढ़ एवं अन्य जगहों से शराब तस्करी हो रही है और स्कॉच तक भी सस्ती कीमत में उपलब्ध हो जाती है। अवैध शराब की सप्लाई बाहर एंड रेस्टोरेंट तक में हो जाती है, जिससे भारी आर्थिक नुकसान होता है। शराब ठेकेदारों का कहना है कि एक्साइज विभाग के अधिकारी इस गड़बड़ झाले से पूरी तरह से अवगत हैं। बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही।

एक्साइज पालिसी बनाने में जुटे एक्साइज विभाग के कुछ आला अधिकारियों के मुताबिक इस बार पॉलिसी कुछ इस तरह से बनाई जाएगी की अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक लग सके और शराब ठेकेदारों के लिए ग्रुप में इस तरह से बनाए जाएंगे ताकि उन्हें घाटा न सहना पड़े। बता दें कि सरकार ने शराब ठेकेदारों को तीन महीने का समय दिया था ताकि नई पालिसी बनाई जा सके लेकिन अभी तक पालिसी नहीं बनाई जा सके जिससे शराब के ठेकेदारों में भय का माहौल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.