शराब ठेकेदारों को व्यवसाय में बनाए रखना एक्साइज विभाग की बनेगा चुनौती
प्रदेश में शराब की बिक्री के लिए नई पालिसी बनाने में जुटी एक्साइज विभाग के अफसरशाही के लिए शराब के ठेकेदारों को व्यवसाय में रखना ही एक बड़ी चुनौती बनेगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : प्रदेश में शराब की बिक्री के लिए नई पालिसी बनाने में जुटी एक्साइज विभाग के अफसरशाही के लिए शराब के ठेकेदारों को व्यवसाय में रखना ही एक बड़ी चुनौती बनेगा। कई शराब ठेकेदार आगामी जून के बाद शराब ठेके लेने के इच्छुक ही नहीं है। पुराने शराब ठेकेदार विदेश जाने की कवायद में जुटे हुए हैं तो कई किसी अन्य व्यवसाय में जाने की कोशिश कर रहे हैं।
शराब ठेकेदारों का शराब की बिक्री के व्यवसाय से मोहभंग होने की मुख्य वजह अवैध शराब और शराब की तस्करी ही बनी है, जो सीधे तौर पर शराब ठेकों की बिक्री को बुरी तरह से प्रभावित किए हुए है। ऐसा इसी वर्ष नहीं हुआ है, बल्कि पिछले कई वर्षों से हो रहा है। यही वजह है कि कुछ सर्किल ऐसे हैं जिन्हें शराब ठेकेदारों को बेच पाना एक्साइज विभाग के अधिकारियों के लिए भारी चुनौती बन बैठता है। एक्साइज विभाग की अफसरशाही को ऐसे सर्किल बेचने में नियम सरल करने पड़ते हैं। कई जगह पर सर्किलों की ग्रुपिग कर देनी पड़ती है और कई जगह तो खुद सिडीकेट बनवाना पड़ जाता है ताकि घाटा खाने से गुरेज कर रहे शराब ठेकेदार इकट्ठे होकर बिक्री कर सकें।
शराब ठेकेदारों को तस्करी और अवैध शराब की बिक्री वाले इलाकों में ही भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है। महानगर के बस्तियात क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां पिछले कुछ वर्षों से ठेके बेचने के लिए विभाग के पसीने छूट जाते हैं। शराब ठेकेदार इन क्षेत्रों में शराब ठेके लेने के लिए ही राजी नहीं होते हैं। ठेकेदारों का कहना है कि एक्साइज और पुलिस विभाग के तमाम दावों के बावजूद चंडीगढ़ एवं अन्य जगहों से शराब तस्करी हो रही है और स्कॉच तक भी सस्ती कीमत में उपलब्ध हो जाती है। अवैध शराब की सप्लाई बाहर एंड रेस्टोरेंट तक में हो जाती है, जिससे भारी आर्थिक नुकसान होता है। शराब ठेकेदारों का कहना है कि एक्साइज विभाग के अधिकारी इस गड़बड़ झाले से पूरी तरह से अवगत हैं। बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही।
एक्साइज पालिसी बनाने में जुटे एक्साइज विभाग के कुछ आला अधिकारियों के मुताबिक इस बार पॉलिसी कुछ इस तरह से बनाई जाएगी की अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक लग सके और शराब ठेकेदारों के लिए ग्रुप में इस तरह से बनाए जाएंगे ताकि उन्हें घाटा न सहना पड़े। बता दें कि सरकार ने शराब ठेकेदारों को तीन महीने का समय दिया था ताकि नई पालिसी बनाई जा सके लेकिन अभी तक पालिसी नहीं बनाई जा सके जिससे शराब के ठेकेदारों में भय का माहौल है।