फर्जीवाड़े की फाइल गायब होने की रिपोर्ट मेयर को सौंपी, जूनियर असिस्टेंट का नाम आया सामने
निगम के ज्वाइंट कमिशनर हरचरण सिंह ने शुक्रवार को रिपोर्ट मेयर जगदीश राजा को सौंप दी है। रिपोर्ट में बीएंडआर डिपार्टमेंट के जूनियर असिस्टेंट का नाम सामने आया है।
जेएनएन, जालंधर। साल 2015 में नगर निगम का 55.11 लाख का टेंडर लेने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करवाने वाली कांट्रेक्ट कंपनी अमृतसर की वीएच इंटरप्राइजिज के खिलाफ हुई जांच की फाइल गायब होने की रिपोर्ट आ गई है। निगम के ज्वाइंट कमिशनर हरचरण सिंह ने शुक्रवार को रिपोर्ट मेयर जगदीश राजा को सौंप दी है। रिपोर्ट में बीएंडआर डिपार्टमेंट के जूनियर असिस्टेंट राजन गुप्ता का नाम सामने आया है। आखिरी बार राजन गुप्ता के पास ही फाइल थी। फाइल से जांच रिपोर्ट गायब होने के लिए राजन गुप्ता को जिम्मेवार ठहराया गया है।
इस बीच यह भी सामने आया है कि अमृतसर की कंपनी वीएच इंटरप्राइजिज की मालकिन एक महिला है और वह जालंधर के एक भाजपा नेता की करीबी है। ज्वाइंट कमिश्नर ने रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2016 में एजेंडा ब्रांच ने एफएंडसीसी मीटिंग के एजेंडे में शामिल करने के लिए फाइल मंगवाई थी, लेकिन एजेंडे में यह मामला शामिल नहीं किया गया और फाइल वापस राजन गुप्ता को भेज दी गई। राजन गुप्ता के फाइल रिसीव करने का रिकार्ड भी है। ऐसे में यह फाइल राजन के पास ही होनी चाहिए। बता दें कि वीरवार को राजन गुप्ता (जो खुद निगम यूनियन के प्रधान हैं) मेयर से मिले थे और जांच रोकने की अपील की थी। मेयर ने जांच रोकने से इंकार कर दिया था। गड़बड़ी 2015 में हुई थी, जांच रिपोर्ट भी आई लेकिन एक बार एफएंडसीसी में चर्चा करने के बाद दोबारा रिपोर्ट पेश नहीं की और न ही कोई एक्शन हुआ।
चुनाव के बाद ही होगी कार्रवाई
लोकसभा चुनाव के बाद ही दोषी कंपनी पर कार्रवाई हो पाएगी। कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का मामला एफएंडसीसी मीटिंग में रखा जाएगा। कंपनी पर एक्शन के बाद ही पता लग पाएगा कि इसके पीछे कौन-कौन है।
आखिरी बार फाइल टेंडर सेल के पास गई थी : राजन
जूनियर सहायक राजन गुप्ता ने कहा कि फाइल गायब होने में उनका कसूर नहीं है। 17 मार्च 2016 को उनके पास से फाइल टेंडर सेल के लिए गई थी और उसके बाद वापस नहीं आई। इसका रिकार्ड दर्ज है।
वीएच इंटरप्राइजिज ने फर्जी दस्तावेजों से भरा था टेंडर
निगम के बीएंडआर डिपार्टमेंट ने करीब 55 लाख रुपए का टेंडर निकाला था। इसे वीएच इंटरप्राइजिज ने भी भरा था। जब दस्तावेजों की जांच हुई तो सामने आया कि पीएफ और वैट से जुड़े दस्तावेज फर्जी थे। इसके बाद इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई।
जांच की इन्क्वायरी मार्क की थी : सुनील ज्योति
पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने कहा कि जांच रिपोर्ट को पें¨डग नहीं किया था। जब एफएंडसीसी में यह मामला आया था तो कंपनी के गलती मानने पर इन्क्वायरी मार्क की थी।
मेयर ने कहा, एक्शन भी अफसर ही तय करें
मेयर जगदीश राजा ने कहा कि रिपोर्ट उन्होंने पढ़ ली है। ज्वाइंट कमिश्नर को एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहूंगा। अफसर ही बताएं कि इसमें क्या कार्रवाई होनी चाहिए।