Jalandhar Improvement Trust की अपील स्टेट कमिशन ने की खारिज, करना हाेगा 80 लाख का भुगतान
बीबी भानी कांप्लेक्स के छह अलॉटियों के मामले में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की छह अपीलें स्टेट कंज्यूमर कमिशन ने खारिज कर दी हैं।
जालंधर, जेएनएन। बीबी भानी कांप्लेक्स के छह अलॉटियों के मामले में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की छह अपीलें स्टेट कंज्यूमर कमिशन ने खारिज कर दी हैं। ट्रस्ट को अलॉटियों को एक महीने में 80 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीबी भानी कांप्लेक्स के छह केसों में अलॉटियों के पक्ष में फैसला दिया था। इसके खिलाफ ट्रस्ट ने स्टेट कमिशन में अपील की थी।
स्टेट कमिशन ने आदेश दिया था कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अलॉटियों को दिए जाने वाले 80 लाख रुपये एक महीने में कोर्ट में जमा करवाए ताकि केस पर सुनवाई शुरू हो सके। ट्रस्ट ने केवल हर केस के लिए 25-25 हजार रुपये ही जमा करवाए थे। ऐसा नहीं कर पाने पर स्टेट कमिशन ने 23 जून को अपील खारिज कर दी। इस मामले में अलॉटियों को 22-22 हजार रुपये लीगल फीस के चुकाने के भी ऑर्डर दिए हैं। अलॉटियों के केसों में सहयोग कर रहे बीबी भानी कांप्लेक्स सोसायटी के प्रधान दशर्न ¨सह आहुजा ने कहा कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट केस करने वालों को भुगतान करने की बजाये अपील करने में ही लाखों रुपये बर्बाद कर रहा है।
इन छह केस में देने होंगे 80 लाख
-सुरिंदर पाल 12.50 लाख
-केवल राम 13.25 लाख
-हरदेव ¨सह 13.00 लाख
- बलबीर सैनी 13.00 लाख
-राजिंदर विज 13.00 लाख
- गीतिका ग्रोवर 13.25 लाख
सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन में प्लॉटों का कब्जा दिलाने को ट्रस्ट को लीगल नोटिस
सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन वेलफेयर सोसाइटी ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को लीगल नोटिस देकर अलॉटियों को 20 दिनों में प्लॉटों का कब्जा देने का अल्टीमेटम दिया है। सोसायटी के प्रधान मनोहर लाल सहगल ने कहा कि 94.97 एकड़ स्कीम 2011 में शुरू हुई थी और 432 लोगों को प्लॉट दिए गए थे। इनमें से 380 अॅलाटियों को अभी तक उनके प्लॉटों का कब्जा नहीं मिला है। मनोहर लाल सहगल ने आरोप लगाया कि लोगों को अलॉट किए गए प्लाटों पर बाहरी लोगों का कब्जा है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट इन प्लांटों से कब्जा भी नहीं छुड़वा पा रहा।
उन्होंने कहा कि स्कीम के तहत अलॉटमेंट के लिए पूरी रकम वसूल ली है लेकिन सिर्फ कुछ लोगों को ही प्लॉट अलॉट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन में सड़क, पानी, सीवर, स्ट्रीट लाइट्स जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे लोकल बॉडी डिपार्टमेंट को भी शिकायत की गई है।