Move to Jagran APP

पंजाब चुनाव 2022ः जालंधर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में विकास के दावे को मुंह चिढ़ा रहा सीवरेज का पानी

जालंधर वेस्ट हलका 12 बस्तियों भार्गव कैंप और स्लम इलाकों पर आधारित है। यहां पाश कालोनियां गिनती की हैं। बस्तियों और स्लम आबादी में विकास कार्यो को करवाना भी मुश्किल है और लोगों को संतुष्ट करना भी चुनौती रहता है। तंग इलाकों में सीवरेज समस्या बनी रहती है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 11:01 AM (IST)
पंजाब चुनाव 2022ः जालंधर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में विकास के दावे को मुंह चिढ़ा रहा सीवरेज का पानी
तंग इलाकों में सीवरेज समस्या बनी रहती है। बरसात में जलभराव भी आम है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। विधानसभा चुनाव का दौर शुरू होते ही विधायकों के कामकाज की भी समीक्षा शुरू हो गई है। वेस्ट हलका 12 बस्तियों, भार्गव कैंप और स्लम इलाकों पर आधारित है। यहां पाश कालोनियां गिनती की हैं। बस्तियों और स्लम आबादी में विकास कार्यो को करवाना भी मुश्किल है और लोगों को संतुष्ट करना भी चुनौती रहता है। तंग इलाकों में सीवरेज समस्या बनी रहती है। बरसात में जलभराव भी आम है। वरियाणा डंप भी वेस्ट हलके में है और पूरे शहर का कूड़ा यहां आता है। इससे करतारपुर हलके का कुछ इलाका और नार्थ हलका भी आंशिक तौर पर प्रभावित है लेकिन वेस्ट हलके के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित है।

loksabha election banner

हलके में सड़कों के काम हुए हैं लेकिन वेस्ट की लाइफलाइन मानी जाती 120 फुट रोड पर सरफेस वाटर प्रोजेक्ट, बरसाती सीवर के लिए खुदाई ने परेशानी खड़ी की है। विधायक सुशील रिंकू ने हलके में चारा मंडी की जमीन पर सरकारी को-एजुकेशनल कालेज बनवाकर लोगों की बड़ी और पुरानी मांग को पूरा किया है। रविदासिया समाज और कबीर पंथियों के लिए कम्युनिटी हाल का निर्माण भी महत्वपूर्ण है। 120 फुट रोड पर बरसात में होने वाले जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए 20 करोड़ से बरसाती सीवर डलवाया गया है लेकिन अभी इसका नतीजा आना है। नहर के किनारों को भी विकसित करके सैरगाह और ग्रीन बेल्ट बनाई गई है।

वरियाणा डंप पर रोजाना आ रहा 500 टन कूड़ा

वेस्ट हलके में वरियाणा डंप भी कई दशकों से परेशानी का कारण बना हुआ है। यहां पर रोजाना 500 टन कूड़ा आता है। आसपास के इलाके की कई कालोनियों और गांव बदबू और बीमारियों की मार ङोल रहे हैं। पुराना कूड़ा खत्म करने के लिए बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट शुरू होने में अभी तीन महीने और लग सकते हैं। नए कूड़े को भी अलग-अलग इलाकों में प्रोसेस करने के लिए काम शुरू होना है तब तक डंप के आसपास के इलाकों को परेशानी ङोलनी ही पड़ेगी।

नशा और सट्टा अभी भी बना हुआ है मुद्दा

वेस्ट हलके में शराब बिक्री और दड़ा-सट्टा हमेशा ही एक मुद्दा रहा है। पांच साल के दौरान इसे लेकर कोई बड़ा इशू नहीं बना है लेकिन चुनाव में हर बार यह मुद्दा भड़कता है। स्लम आबादी में शराब की बिक्री आम बात है। सट्टे के अड्डे को लेकर भी बार-बार खबरें छपती रही हैं और विपक्ष के लिए यह मुद्दा बना रहेगा। लाटरी की आड़ में सट्टा खिलाने के खिलाफ शिकायतें ऊपर तक गई हैं। आपराधिक घटनाओं की जगह चर्चा नहीं है।

बस्तियों में सीवरेज व्यवस्था परेशानी

बरसाती पानी का हाल तो निकाल दिया गया है लेकिन बस्तियों में सीवरेज की समस्या बरकरार है। दशमेश नगर इलाके में नई सीवर लाइन डाली गई है और इससे कुछ राहत मिलेगी लेकिन तंग गलियों में छोटी सी सीवरेज लाइन से लोगों को राहत में लंबा समय लग सकता है। बस्ती पीर दाद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास भी यह समस्या बरकरार रहती है। हालांकि इसके तकनीकी हल निकाले जा रहे हैं लेकिन असली अग्निपरीक्षा अगली बरसात में ही होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.