मिलिए जालंधर की Water Hero मीनल से, 5 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा लोगों को सिखाया पानी बचाना
मीनल वर्मा की अपने घर से शुरू की गई जल संरक्षण की पहल लोगों के दिलों में ऐसे घर कर गई कि महज एक साल में तीन हजार से ज्यादा लोग उनके अभियान से जुड़ चुके हैं। वह शहर में 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी लगवा चुकी हैं।
जालंधर [प्रियंका सिंह]। शहर की मीनल वर्मा नारी सशक्तीकरण के साथ-साथ जल योद्धा की सशक्त उदाहरण बन गई हैं। पानी बचाने की बचपन की एक आदत ने उनकी जिंदगी बदल दी। अपने घर से शुरू की गई जल संरक्षण की पहल लोगों के दिलों में ऐसे घर कर गई कि महज एक साल में तीन हजार से ज्यादा लोग उनके अभियान से जुड़ चुके हैं। वह अपने दम पर शहर में 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी लगवा चुकी हैं। वह खुद व उनकी टीम लोगों से डोर-टू-डोर संपर्क करके पानी बचाती अकसर नजर आ जाएगी। बकौल, मीनल उनका अब यही लक्ष्य है कि बतौर आर्किटेक्ट करियर आगे बढ़ाने के साथ-साथ पानी बचाने की जंग जारी रखें। उनकी इसी सोच के चलते 2020 में उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से 'वाटर हीरो' का खिताब भी मिल चुका है।
पहला रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम घर में लगाया
वह बताती हैं कि चंडीगढ़ के एसटी कबीर पब्लिक स्कूल से पढ़ाई के दौरान जल संरक्षण की आदत बनी। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गईं, वैसे-वैसे पानी बचाने के लिए नए उपाय और तकनीक ढूंढ़ती गईं। जालंधर में शादी होने के बाद पहला रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपने घर में लगाया। पति ललित कुमार वर्मा ने भी कभी नहीं रोका और हमेशा सहयोग दिया। हालांकि लोगों ने खूब ताने दिए। यहां तक कि लड़ने पर भी उतर आए।
मीनल ने सबसे पहले अपने घर में ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया था।
उन्होंने कहा कि जब वह लोगों को जाकर बरसात के पानी को जमा कर घर के अन्य कामों के लिए इस्तेमाल करने या रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की बात कहती तो लोग उनसे लड़ने लगते थे। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट मीडिया की मदद ली। पानी बचाने के तरीके व आर्टिकल लिखकर अपलोड किए तो लोग उनसे जुड़ने लगे।
उन्होंने 'गोइंग जीरो वेस्ट' नाम से पेज भी बना रखा है। वहां बताए तरीकों को लोग घरों में उपयोग भी कर रहे हैं। अमेरिका, आस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों से लोग इनके ग्रुप में शामिल हुए हैं। एक टीम के रूप में प्रोजेक्ट के तहत सब मिलकर काम कर रहे हैं।