कर्फ्यू खुलने के बावजूद एक हजार गांवों के लोग हुए घरों में 'लॉक', नहीं चली बसें
कर्फ्यू खत्म होने के बाद निजी संस्थानों व औद्योगिक इकाइयों ने काम तो शुरू कर दिया है लेकिन बस सेवा नहीं होने के कारण ग्रामीण मुलाजिमों का काम पर पहुंच पाना चुनौती बना हुआ है।
जालंधर, जेएनएन। कर्फ्यू खुलने के बावजूद जिले के एक हजार से ज्यादा गांवों की मूवमेंट लगभग बंद है। दरअसल, 20 मार्च के बाद से ही ग्रामीण क्षेत्र की बस सेवा बंद पड़ी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित लोगों को शहर पहुंचने के लिए सड़कों पर खड़े होकर निजी वाहन चालकों से लिफ्ट लेते हुए आम देखा जा सकता है।
पंजाब सरकार की तरफ से शहरी इलाकों में मुख्य रूट पर तो बस सर्विस चालू कर दी गई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र इससे वंचित हैं। बस सेवा शुरू न हो पाने से उन उम्रदराज एवं आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिनके पास निजी वाहन नहीं है। जालंधर के ग्रामीण क्षेत्र से कई लोग अपने रोजगार के लिए शहर तक आते हैं। उनकी आवाजाही का मुख्य साधन बस सेवा ही है। कर्फ्यू खत्म होने के बाद निजी संस्थानों व औद्योगिक इकाइयों ने काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन बस सेवा नहीं होने के कारण ग्रामीण मुलाजिमों का काम पर पहुंच पाना चुनौती बना हुआ है। जिले के कुछ गांव जालंधर-नकोदर, जालंधर-होशियारपुर एवं जालंधर-पठानकोट रेल रूट पर पड़ते हैं। लोकल ट्रेन सेवा शुरू नहीं होने के कारण इन इलाकों के लोगों की उम्मीद भी अब बस सेवा पर ही टिकी है।
सरकार की अनुमति का इंतजार है
पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने बताया कि सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए ही ग्रामीण क्षेत्र की बस सेवा बंद की गई थी, जिसे अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि जैसे ही सरकार ग्रामीण क्षेत्र की बस सेवा शुरू करने की अनुमति दे देगी, तत्काल बस सेवा शुरू कर दी जाएगी। सरकार की अनुमति के बिना बसें चलाना संभव नहीं है।
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