23 साल पुराना एथलेटिक्स ट्रैक्स खस्ताहाल, सरकार नहीं कर पा रही फंड का इंतजाम
कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाले जालंधर के स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक ट्रैक की हालत खस्ता हो चुकी है और खेल विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
कमल किशोर, जालंधर। राज्य सरकार ने युवाओं को खेलों के साथ जोडऩे के लिए 'तंदुरुस्त पंजाब' मुहिम चलाई हुई है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की बात करें तो पिछले साल की तरह इस साल भी पंजाब सातवें स्थान पर काबिज रहा। सरकार खेलों का स्तर उठाने के लिए योजना तो तैयार कर रही है, लेकिन मैदानों के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दे रही। कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाले जालंधर के स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक ट्रैक की हालत खस्ता हो चुकी है और खेल विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। ट्रैक कई जगहों से फटा हुआ है। खेल विभाग ने एथलेटिक ट्रैक बदलने के लिए साल 2019-20 में बजट बनाकर सरकार के पास भेजा था। सरकार बजट पास कर देती है तो ट्रैक का निर्माण होना शुरू हो जाएगा। खेल सूत्रों का कहना है कि ट्रैक बदलने के लिए चार करोड़ रुपए का खर्च आना है। बताया जा रहा है कि फंड की कमी के कारण काम रुका है।
वर्ष 1996 में लगाया गया था ट्रैक
यह ट्रैक 1996 में लगाया गया था। इसके बाद कई सरकारें आई और गई, लेकिन ट्रैक को बदलने की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। खेल मंत्री ने ट्रैक को बदलने की बात कही थी लेकिन खिलाड़ी फटे हुए ट्रैक पर प्रैक्टिस कर रहे है।
इस साल के खेल बजट में रखा है
खेल विभाग की डायरेक्टर अमृत कौर गिल ने बताया कि जालंधर के खस्ताहाल एथलेटिक ट्रैक का मामला ध्यान में है। इसे बदलने के लिए विभाग की ओर से वर्ष 2019-20 के खेल बजट में रखा गया है। सरकार की ओर से बजट पास होता है तो ट्रैक का काम शुरू कर दिया जाएगा।
सरकार से जल्द ट्रैक बदलने की मांग
जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन के महासचिव सर्बजीत सिंह हैप्पी ने कहा कि ट्रैक की हालत खस्ताहाल है। ट्रैक ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय एथलीट दिए है। पंजाब पुलिस, बीएसएफ व कालेज के खिलाड़ी स्पोट्र्स कॉलेज के एथलेटिक्स ट्रैक पर अभ्यास करते है। सरकार को जल्द ट्रैक को बदलना चाहिए ताकि खिलाड़ी बिना डर के अभ्यास कर सकें।