नॉक द डोअर केंपेन के तहत सांसद चौधरी से मिले स्कूली बच्चे, फीस माफ करने की उठाई मांग
द पंजाब पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान कमलदीप सिंह ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण अभिभावकों के काम ठप पड़े हुए है। उनकी आमदनी बंद हो गई है और वे बच्चों की फीस देने में असमर्थ हैं।
जालंधर, जेएनएन। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन पंजाब की सर्व अधिकार रक्षा अभियान समिति, द पंजाब पेरेंट्स एसोसिएशन और बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के अवसर पर नाॅक द डोर कैंपेन के पहले दिन बच्चों की संयुक्त टीम ने सांसद संतोख सिंह चौधरी, विधायक राजिदंर बेरी व जिला शिक्षा अधिकारी का दरवाजा नाॅक किया।
एसोसिएशन के सदस्यों ने सांसद व विधायकों को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अभिभावक आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बच्चों की फीस देने में असमर्थ हैं। इसलिए छह महीने के लिए फीस माफ की जाए। बच्चों के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी की जाए। जिले में कोई भी बच्चा बाल श्रमिक नहीं होना चाहिए क्योंकि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। अगर बच्चे शिक्षित होंगे तो ही देश तरक्की कर पाएगा।
एसोसिएशन के प्रधान कमलदीप सिंह ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण अभिभावकों के काम ठप पड़े हुए है। उनकी आमदनी बंद हो गई है और वे बच्चों की फीस देने में असमर्थ हैं। ऐसे में छह माह तक स्कूल जाने वाले बच्चों से फीस न ली जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूलों में उनके अधिकारों के बारे में भी बताया जाना चाहिए। इस अवसर पर दिनेश कुमार, हसन सोनी, राधे श्यामस संदीप कुमार, हरचरण सिंह व अन्य उपस्थित थे।
बाल श्रम निषेध दिवस पर दयानंद माॅडल स्कूल में बच्चों ने लिखे स्लोगन
जालंधर। बाल श्रम निषेध दिवस पर दयानंद माॅडल स्कूल, माॅडल टाॅउन में कविता वाचन व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता ऑनलाइन करवाई गई। प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए प्रतिभा का परिचय दिया। तीसरी से चौथी के बच्चों ने स्लोगन लिखे और पांचवी से छठी के विद्यार्थियों ने कविताएं सुनाई। बच्चों ने स्लोगन व कविता के माध्यम से बाल श्रम खत्म करने की बात कही। बच्चों संदेश दिया कि श्रम करने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए। अगर बच्चे शिक्षित होंगे तो वह देश की तरक्की में अहम रोल अदा कर सकते हैं।
जालंधरः दयानंद माॅडल स्कूल, माॅडल टाॅउन की ऑनलाइन प्रतियोगिता में स्लोगन के साथ बच्चे।
प्रिंसिपल विनोद कुमार ने बच्चों की प्रतिभा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एेसी प्रतियोगिता से बच्चों में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है। इनमें हर विद्यार्थी कोे बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल श्रम समाज के माथे पर कलंक है। छोटी सी उम्र में श्रम कर रहे बच्चों को स्कूल पहुंचाया जाना चाहिए।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें