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आरटीए दफ्तर सील, कर्मियों के कोरोना टेस्ट शुरू लेकिन निजी कारिंदों व एजेंटों ने बढ़ाई चिंता

रविवार को जालंधर आरटीए सेक्रेटरी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद यहां स्थिति उनका ऑफिस सील कर दिया गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 05:58 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 05:58 PM (IST)
आरटीए दफ्तर सील, कर्मियों के कोरोना टेस्ट शुरू लेकिन निजी कारिंदों व एजेंटों ने बढ़ाई चिंता
आरटीए दफ्तर सील, कर्मियों के कोरोना टेस्ट शुरू लेकिन निजी कारिंदों व एजेंटों ने बढ़ाई चिंता

जालंधर [मनीष शर्मा]। आरटीए सेक्रेटरी बरजिंदर सिंह के होशियारपुर में कोरोना पॉजीटिव आने के बाद सोमवार को आरटीए दफ्तर सील रहा। आरटीए के दफ्तर के साथ-साथ चालान काउंटर और बस स्टैंड के नजदीक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक को भी सैनिटाइज कर सील कर दिया गया है। बुधवार तक यह दफ्तर बंद रहेगा। इधर, आरटीए दफ्तर के 36 क्लर्कों व अन्य कर्मचारियों की कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। दफ्तर की महिला कर्मचारियों के सैंपल लिए जा चुके हैं और बाकी के सैंपल भी देर शाम तक लिए जाने की उम्मीद है। इसमें आरटीए दफ्तर के क्लर्कों के साथ स्मार्टचिप कंपनी के कर्मचारी भी शामिल हैं। फिलहाल, आरटीए का दफ्तर बुधवार तक बंद रहेगा।

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सबसे बड़ी चिंता अब आरटीए दफ्तर में सक्रिय प्राइवेट कारिंदों व एजेंटों को लेकर है। दरअसल, उन कारिंदों व एजेंटों का टेस्ट नहीं कराया जा रहा है जो क्लर्कों के साथ बैठकर काम करते थे। वो सुबह से शाम तक सरकारी नौकरी की तरह क्लर्कों के साथ ड्यूटी करते थे। वहीं, कुछ एजेंट ऐसे भी हैं जिनका नियमित तौर पर क्लर्कों व अधिकारियों के पास आना-जाना था। अपना काम कराने के लिए भी वो सभी क्लर्कों के संपर्क में आते थे। भले ही कर्मचारियों का टेस्ट हो जाएगा लेकिन प्राइवेट कारिंदों व एजेंटों के टेस्ट के बगैर उन्हें बुधवार के बाद आरटीए दफ्तर में घुसने की छूट मिली तो फिर कोरोना का खतरा मंडराता ही रहेगा। वहीं, कुछ क्लर्कों के अभी तक टेस्ट के लिए भी न आने की बात कही जा रही है। खासकर सुरक्षा के लिए तैनात आरटीए दफ्तर के सुरक्षाकर्मी भी टेस्ट कराने नहीं पहुंचे हैं।

कौन संभालेंगे काम?

आरटीए सेक्रेटरी बरजिंदर सिंह का कोरोना पॉजीटिव आने के बाद इलाज चल रहा है। बुधवार तक आरटीए दफ्तर भी सील किया जा चुका है। अब बड़ा सवाल आरटीए सेक्रेटरी को लेकर है। ट्रांसपोर्ट अधिकारी चंडीगढ़ से किसी अन्य सेक्रेटरी को चार्ज देते हैं या फिर डीसी को अपने स्तर पर व्यवस्था करनी होगी। यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि आरटीए दफ्तर में ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर आरसी व अन्य कामकाज ऑनलाइन होते हैं पर इनकी अंतिम मंजूरी आरटीए के लॉगइन से ही होती है। ऐसे में किसी को यह लॉगइन दिया जाना आसान नहीं है। कोई गड़बड़ी हुई तो सीधे सेक्रेटरी पर गाज गिरेगी।

एसडीएम दफ्तर व सेवा केंद्र से बनाएं डीएल

अगर आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना जरूरी हो तो लर्निंग लाइसेंस एसडीएम दफ्तर व सेवा केंद्र से बना सकते हैं। इसके अलावा फिल्लौर में पक्के ड्राइविंग लाइसेंस की भी सुविधा मिल जाती है।


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