जालंधर में टूटा 19 साल का रिकॉर्ड, 36 घंटे में हुई 66.8 एमएम बारिश
शहर में पिछले 36 घंटों में रिकॉर्ड 66.8 एमएम बारिश ने सर्दी के मौसम में हुई बारिश का 19 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया।
जालंधर, [सत्येन ओझा]। शहर में पिछले 36 घंटों में रिकॉर्ड 66.8 एमएम बारिश ने सर्दी के मौसम में हुई बारिश का 19 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया। बस्ती दानिशनंदा, गाखल रोड, 120 फुटी रोड पर बाढ़ जैसे हालात दिखाई दिए। इससे पहले सर्दी के मौसम में साल 2000 में 53.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। कड़ाके की सर्दी में मंगलवार को शहर में बीच-बीच में बारिश थमी। जैसे ही लोग बाजारों में सड़कों पर निकले, तो पानी से भरे सड़कों के गहरे गड्ढे हादसों का कारण बन गए। कहीं बारिश के पानी में सामान से लदा रिक्शा पलट गया तो कहीं दर्जनों वाहन बाढ़ जैसे हालातों के बीच निकलने के प्रयास में जलभराव के बीच बंद हो गए। जलभराव से पानीपत-अमृतसर हाईवे भी अछूता नहीं रहा। मंगलवार को 'राजा' के 362 दिन के कार्यकाल में अपनी प्रजा को दिए घाव शहर की सड़कों पर साफ दिख रहे थे।
सड़कें पानी से लबालब, लोग होते रहे परेशान
120 फुटी रोड, बस्ती दानिशमंदा, भार्गवनगर कैंप की गलियां, पिम्स के सामने गढ़ा रोड, सोढल रोड, बुलंदपुर रोड, नेशनल हाईवे पर ट्रांसपोर्ट नगर व पठानकोट बाईपास पर हाईवे व लिंग रोड, रेलवे रोड, दोमोरिया पुल। इसके अलावा रेलवे ओवरब्रिज से उतरकर काजी मंडी जाने वाले रास्ते, भार्गव नगर कैंप, मॉडल हाउस, कोट मोहल्ला, बस्ती शेख, बस्ती अड्डा, जिला प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स के चारों तरफ की सड़कें, माई हीरा गेट, मिट्ठा बाजार, लाडोवाली रोड, गाजी गुल्ला की गलियां, रामनगर की सड़कें व गलियां जलभराव से लबालब दिखीं। जिला प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स में जलभराव के कारण गेट नं.4 के निकट दीवार तोड़कर पानी बाहर सड़क पर निकालना पड़ा। पुरानी सब्जी मंडी के पास तो मानो तलाब बन गया हो। वहां सुबह के समय दुकानदारों को अपनी ही दुकानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया था। सड़कों पर सोमवार सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया था, रात को लगभग साढ़े सात बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश देर रात तक जारी रही। रात लगभग 1 बजे के करीब बारिश कुछ समय के लिए थमी थी, लेकिन सुबह तड़के लगभग सवा तीन बजे एक बार फिर बिजली की चमक व बादलों की गरज के बीच लगातार साढ़े तीन घंटे तक बारिश हुई। सुबह लोगों की आंखें खुलने पर एक बार फिर शहर के बड़े हिस्से में बाढ़ जैसे दृश्य सामने आने लगे। मेयर जगदीश राज राजा ने पिछले साल 25 जनवरी को पद्भार संभाला था, तब से लेकर अब नगर निगम की सीवरेज सफाई में जुटी मशीनरी 47 लाख से ज्यादा का डीजल पी गई, लेकिन सुविधा के नाम पर शहर के हिस्से जलभराव, टूटी सड़कें व परेशानी ही आईं। दुर्गन्ध मारते डंप शहर की जनता को मंगलवार को सिर्फ जलभराव से ही रूबरू नहीं होना पड़ा, बल्कि फूलों की मार्केट में जाने से पहले साईंदास स्कूल के पिछले हिस्से में बने डंप से सड़क पर बहते कचरे के गंदे पानी व दुर्गन्ध से होकर गुजरना पड़ा। यही हालत शहर के अधिकांश डंप के आसपास देखने को मिला क्योंकि डंप पर कचरा डंप क्षेत्र में कम, उसके बाहर ज्यादा होता है।
फिर बारिश होने के आसार
मौसम विभाग का अनुमान है कि 23 व 24 जनवरी को भी हल्की बारिश हो सकती है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह पर मंडराते बादल फिलहाल छंटते नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि 26 जनवरी को मौसम खुला रह सकता है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान बढ़कर 10.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
बीमारियाें की बढ़ रही आशंका
एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ.सतीश कुमार के अनुसार कचरे से रिसता हुआ पानी अगले पांच दिन तक जमीन के अंदर के पानी को दूषित कर सकता है, इसके कारण डायरिया, पेट खराब, ज्वाइंटिस जैसी बीमारियां सामने आ सकती हैं।