Move to Jagran APP

फ्लाइंग हाईः शहर को है अपने इस स्पोर्ट्स स्टार पर गर्व, अंडर-19 स्टेट बैडमिंटन में जीता है गोल्ड

जालंधर के रितविक ने तीन साल की उम्र में ही बैडमिंटन रैकेट थाम लिया था। अपने पिता से गुर सीखने के बाद आज वे अंडर-19 स्टेट चैंपियन हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 04:41 PM (IST)
फ्लाइंग हाईः शहर को है अपने इस स्पोर्ट्स स्टार पर गर्व, अंडर-19 स्टेट बैडमिंटन में जीता है गोल्ड
फ्लाइंग हाईः शहर को है अपने इस स्पोर्ट्स स्टार पर गर्व, अंडर-19 स्टेट बैडमिंटन में जीता है गोल्ड

जासं, जालंधर। मुझे तीन साल की उम्र में ही बैडमिंटन से प्यार हो गया था। पापा ने ही मेरे हाथ में बैडमिंटन थमाया और वही मेरे पहले गुरु बने। पढ़ाई में भी अच्छा था इसलिए टीचर्स और परिवार ने मुझे कभी भी खेलने से मना नहीं किया। अब सिवाय मेडल के मुझे कुछ दिखाई नहीं देता। ये कहना है खालसा कॉलेज के बीए के स्टूडेंट रितविक मोहंती का, जिन्होंने अंडर 19 स्टेट बैडमिंटन चैंपियनशिप के साथ ढेरों मेडल जीतकर पंजाब के साथ-साथ शहर का नाम रोशन किया है।

पिता भी बैडमिंटन खिलाड़ी

loksabha election banner

रितविक ने बताया कि मुझे बैडमिंटन से लगाव छोटी उम्र में ही हो गया था। मेरे पापा खुद भी बैडमिंटन खेलते थे उनके जैसा जुनून मुझमें भी था। पापा ने ही मेरे हाथ में रैकेट थमाया और मुझे इस खेल का हर गुर सिखाया। मैंने अपनी स्कूल की पढ़ाई उड़ीसा और मालेरकोटला में की जहां बैडमिंटन की प्रैक्टिस मैंने कभी नहीं छोड़ी। एक साल से जालंधर में हूं और इस जगह ने मुझे सफलता का स्वाद चखना अच्छी तरह से सिखा दिया है। इसी साल अंडर 18 एशियन स्कूल गेम्स और नोर्थ जोन अंडर 19 में ब्रांज मेडल जीता। अंडर 19 डबल्स में ब्रांज हासिल किया। अक्टूबर में हुई अंडर 19 सिंगल्स की स्टेट चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता। अंडर 19 मिक्स डबल्स में गोल्ड जीता। इंटर कॉलेज चैंपियनशिप में भी विनर बना।

देश के लिए खेलना चाहता हूं

मेरा अगला लक्ष्य दिसंबर में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप जीतना है। मैं मिक्सड और डबल्स में सिलेक्ट हुआ हूं। इसके बाद मेरा पूरा ध्यान हर बड़ी जीत को पाकर अपने देश के लिए खेलने में लगेगा। इसके लिए मैं पूरी तरह से खुद भी तैयार कर रहा हूं। मैं सुबह 10 से 1 बजे तथा शाम 5 से 7 बजे तक प्रैक्टिस करता हूं। सुबह उठकर दो घंटे जरूर पढ़ता हूं ताकि पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत न आए।

अब बैडमिंटन का लेवल हाई

मेरे गुरु मेरे पिता ही थे। 2014 तक पापा से ही सीखा। इसके बाद शुकरान मैडम ने मुझे काफी सिखाया। अब नीरज बांसल, जयदीप कोहली, करण कोहली तथा ओपिंदर कलसी मेरे कोच हैं। अब बैडमिंटन का लेवल काफी हाई हो गया है। क्रिकेट के साथ-साथ बैडमिंटन को भी लोग उतने ही उत्साह से देख रहे हैं।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.