मकसूदां ब्लास्ट: आतंकी संगठन की ईमेल का रहस्य सुलझाने के लिए गूगल की मदद लेगी पुलिस
मकसूदां पुलिस थाने में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी आतंकी संगठन भिंडरावाला टाइगर फोर्स ने मीडिया को मेल भेजकर ली थी। पुलिस इस मेल का रहस्य सुलझाने में जुटी है।
जालंधर, [सुनील प्रभाकर]।मकसूदां पुलिस थाने में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी खालिस्तानी समर्थित आतंकी संगठन भिंडरावाला टाइगर फोर्स ने मीडिया को मेल भेजकर ली थी। पुलिस ढाई माह बाद भी इस मेल का रहस्य सुलझा नहीं पाई है। पुलिस के साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि मेल भेजने के लिए वास्तविक आइपी एड्रेस की जगह वर्चुअल आइपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है। जिस कारण मेल की गुत्थी सुलझ नहीं रही। अब इस मेल का रहस्य सुलझाने के लिए पुलिस अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित गूगल मुख्यालय से मदद लेने जा रही है।
इसकी पुष्टि जालंधर साइबर सेल की सब इंस्पेक्टर मोनिका ने की है। उन्होंने कहा कि मेल वास्तविक आइपी एड्रेस की बजाय वर्चुअल आईपी एड्रेस से भेजी गई है। इस कारण मेल भेजने वाली जगह की लोकेशन, कंप्यूटर, मोबाइल या लैपटॉप का असली आइपी एड्रेस और इंटरनेट एड्रेस अभी तक पता नहीं लग पाया है। मेल की गुत्थी सुलझाने के लिए मोहाली व दिल्ली से भी साइबर सेल के एक्सपर्ट की मदद ले रहे हैं। यही नहीं मेल आइडी की गुत्थी सुलझाने में गूगल की मदद लेने के लिए के लिए गूगूल मुख्यालय से भी संपर्क किया गया है। जल्द ही ई-मेल की गुत्थी सुलझा ली जाएगी।
इंटरनेट पर फल-फूल रहा वर्चुअल आइपी एड्रेस का धंधा
साइबर एक्सपट्र्स के मुताबिक सोशल साइट पर गलत बर्ताव करने और नियम कानूनों के उलट व्यवहार करने पर अधिकतर सोशल साइट्स ऐसा करने वाले के कंप्यूटर लैपटॉप या मोबाइल का आइपी एड्रेस उस सोशल साइट पर बैन कर देते हैं। इसी कारण वर्चुअल आइपी एड्रेस का धंधा इंटरनेट पर फल फूल रहा है। लोग वर्चुअल आइडी लेकर सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करते हैं। यही नहीं, वर्चुअल आइडी ब्लॉक होने पर फिर एक नई वर्चुअल आइपी एड्रेस लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाते हैं।
जिन्हें मेल मिली उनके सोशल अकाउंट भी खंगाले जा रहे
साइबर सेल के सूत्रों के अनुसार जालंधर साइबर सेल के अधिकारी उन पत्रकारों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाल रहे हैं जिन्हें 14 सितंबर को मकसूदां ब्लास्ट के बाद अगले दिन खालिस्तानी आतंकी संगठन भिंडरावाला टाइगर फोर्स की ओर से ईमेल भेज कर धमाकों की जिम्मेदारी ली गई थी। इनमें से कई ऐसे पत्रकार भी थे जो काफी पहले पत्रकारिता छोड़ चुके हैं। पुलिस के अनुसार हो सकता है कि इसी वर्चुअल आइपी एड्रेस से मेल भेजने वाले आतंकी संगठन के लोगों ने इसी वर्चुअल आइपी एड्रेस से कोई और फर्जी आइडी बनाकर कभी किसी मसले पर सोशल मीडिया पर संवाद किया हो।
यह था मामला
14 सितंबर को पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा की जालंधर में मौजूदगी के समय मकसदूां थाने पर एक के बाद एक चार ग्रेनेड फेंके गए थे। अगले दिन ही भिंडरावाला टाइगर फोर्स ने मीडिया को एक मेल भेजकर धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।