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DSP भर्ती करवाने के नाम पर ठगी का मामला : छापेमारी और पूछताछ का दौर जारी, पुलिस के हाथ फिर भी खाली

पुलिस नामजद आठ लोगों के एड्रेस निकलवाने का प्रयास कर रही है लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि उनके बारे में पीड़ित राजिंदर पाल को भी कुछ नहीं पता।

By Edited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 07:08 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 09:11 AM (IST)
DSP भर्ती करवाने के नाम पर ठगी का मामला : छापेमारी और पूछताछ का दौर जारी, पुलिस के हाथ फिर भी खाली
DSP भर्ती करवाने के नाम पर ठगी का मामला : छापेमारी और पूछताछ का दौर जारी, पुलिस के हाथ फिर भी खाली

जालंधर, जेएनएन। तहसील कांप्लेक्स में बीते तीस साल से डीड राइटर का काम करने वाले कृष्णा कॉलोनी, नीला महल निवासी राजिंदर पाल कपूर के बेटे विंशू कपूर को सीधा डीएसपी भर्ती करवाने के लिए साढ़े तीन करोड़ ठगने के मामले में शुक्रवार को भी पुलिस ने लगातार छापेमारी की। हालांकि कोई हाथ नहीं आया लेकिन पुलिस ने आरोपितों के परिजनों को उनको जल्द से जल्द पेश करने के लिए कहा। वहीं, पुलिस नामजद आठ लोगों के एड्रेस निकलवाने का प्रयास कर रही है लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि उनके बारे में पीड़ित राजिंदर पाल को भी कुछ नहीं पता। इसी के चलते पुलिस की जांच चंदन और पुनीत की गिरफ्तारी पर जा टिकी है। शुक्रवार को पुलिस ने उनके पारिवारिक सदस्यों के साथ-साथ रिश्तेदारों से भी पूछताछ की। थाना प्रभारी नवदीप सिंह ने बताया कि सारे आरोपितों की पहचान करवा कर उनको गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुनीत और चंदन की तलाश की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के बाद ही मामला आगे बढ़ पाएगा।

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यह है मामला

तहसील काम्प्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले राजिंदर पाल ने बीते दिनों पुलिस को शिकायत दी थी कि संत नगर निवासी चंदन चोपड़ा और किशनपुरा निवासी पुनीत रल्हण उसके बेटे विंशू के साथ पढ़ते थे। 2015 को उन्होंने ¨वशू को बातों में लेकर सीधा डीएसपी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने 2015 में उनके बेटे से 50 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद उसे दिल्ली में ले जाया गया जहां पर उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर साबित किया कि उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। इसके बाद लगातार पैसों की मांग करते रहे और कई बार फर्जी दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ले लिए। उनके गिरोह में 10 लोग और शामिल थे। इनमें से एक लड़की सपना, यूपी की भी थी जिसे भी सरकारी कर्मी बता कर उसके जरिए सारा काम करवाने की बात कही। चार साल बाद भी उनके बेटे को डीएसपी नहीं बनाया गया और न पैसे वापस किए गए। पुलिस ने बयानों के आधार पर चंदन और पुनीत के साथ साथ तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस को भी नामजद कर लिया है। वहीं, बठिंडा निवासी जगसीर सिंह और भार्गव कैंप निवासी शमशेर सिंह को जांच तफ्तीश में शामिल किया था।

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