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सिर्फ दो महीनों के आंकड़ों से शहर में क्राइम कम बता अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस

पिछले साल के मुकाबले इस बार स्नैचिंग की घटनाएं ज्यादा हुईं। कम केस भी ट्रेस हुए हैं। फिर भी, पिछले दो माह में स्नैचिंग कम हुई तो पुलिस क्रेडिट लेने लगी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 02:05 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 02:05 PM (IST)
सिर्फ दो महीनों के आंकड़ों से शहर में क्राइम कम बता अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस
सिर्फ दो महीनों के आंकड़ों से शहर में क्राइम कम बता अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस

[मनीष शर्मा], जालंधर। गुजरते साल के आखिरी दिनों में उपलब्धि के नाम पर सिटी पुलिस आंकड़ों का खेल दिखाकर गुमराह कर रही है। पिछले साल के मुकाबले इस बार स्नैचिंग की घटनाएं ज्यादा हुईं और ट्रेस कम हुई हैं। इसके बावजूद पिछले दो माह में स्नैचिंग की वारदातें कम हुईं तो पुलिस क्रेडिट लेने लगी है। यह आंकड़े खुद पुलिस ने शनिवार को जारी किए और भरोसा दिया कि शहर को जल्द ही अपराध मुक्त कर दिया जाएगा। हालांकि खुद का 'गुडवर्क' दिखाकर जारी किए इन आंकड़ों की पड़ताल पुलिस अफसरों का मुंह चिढ़ाती नजर आती है।

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ये हैं स्नैचिंग के आंकड़े

पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 में जनवरी से लेकर नवंबर तक स्नैचिंग की 225 घटनाएं हुईं। इनमें से सिर्फ 120 ही ट्रेस हो सकीं। वहीं, 2018 के इसी समय में 308 घटनाएं हुईं जबकि इनमें से 139 ट्रेस कर ली गई। 2017 के अक्टूबर व नवंबर में जहां 40 स्नैचिंग की वारदातें हुईं वहीं इस साल इन महीनों में 30 वारदातें हुईं। घटनाओं को ट्रेस करने के लिहाज से पिछली बार 13 के मुकाबले इस बार 36 घटनाएं ट्रेस की गईं।

यह कैसी कामयाबी?

पुलिस सिर्फ दो माह में स्नैचिंग की घटनाएं कम होने का दावा कर रही है लेकिन अगर इसे पूरे साल के लिहाज से देखें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल के 11 महीनों में स्नैचिंग की 83 ज्यादा घटनाएं हुई हैं। पिछले साल 225 थीं जो इस बार बढ़कर 308 हो गईं।

8 फीसद कम हुईं ट्रेस

अगर वारदातें ट्रेस करने के ही ट्रैक रिकॉर्ड पर आ जाएं तो पिछली बार 225 में से 120 घटनाएं ट्रेस की गई यानि 53 फीसद केस सॉल्व हुए। इस साल के आंकड़ें देखें तो 308 में से सिर्फ 139 घटनाएं ट्रेस हुईं जो सिर्फ 45 फीसद बनती हैं। अब खुद ही सोचिए कि पुलिस कमिश्नरेट की यह कामयाबी है या फिर नाकामी।

आठ माह में ज्यादा स्नैचिंग
माह           2017       2018
जनवरी       7              20
फरवरी      10              19
मार्च         10               51
अप्रैल       20               37
मई          32              22
जून         24              21
जुलाई      31             43
अगस्त    29            44
सितंबर    22             25
अक्टूबर   13             14
नवंबर     27            12
 

(सिर्फ मई, जून व नवंबर में वारदातें कम हुईं)


वारदातें ट्रेस करने का रिकार्ड
माह       2017     2018
जनवरी    2          6
फरवरी     6          3
मार्च        9          11
अप्रैल      7          16
मई        12         18
जून       15         21
जुलाई    15          7
अगस्त   18         10
सितंबर   21         11
अक्टूबर  2         14
नवंबर    13         22

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चेन स्नैचिंग की घटनाओं में आई कमी पुलिस कमिश्नेट को अपराध मुक्त बनाने में छोटा सा कदम है। पीसीआर टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि अपराध की सूचना मिलने पर तुरंत वहां पहुंचकर लोगों की मदद करें। थानों को आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध कराने के हिसाब से चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है। सीनियर अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वो शहर में लगने वाले नाकों की निगरानी करें ताकि लोगों में सुरक्षा का माहौल बन सके। सितंबर में चार्ज लेने के बाद मैंने अपराधों को रोकने के लिए तरजीह दी है। उम्मीद है हम लोगों की मदद से शहर को अपराध मुक्त बना लेंगे।
-गुरप्रीत सिंह भुल्लर, पुलिस कमिश्नर।

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