जागरण इंपैक्टः रेस्टोरेंट, क्लब, बार-पबों पर सख्ती, दस बजे म्यूजिक बंद, 12 बजे शटर डाउन
डीजे या तेज आवाज वाला म्यूजिक सिस्टम रात 10 बजे बंद करना होगा। 11 बजे नए कस्टमर्स की एंट्री बंद होगी और भीतर खाना, स्नैक और शराब पिलाने का ऑर्डर नहीं लिया जाएगा।
जालंधर [मनीष शर्मा]। न्यू ईयर की रात मॉडल टाउन स्थित पैडलर्स पब एंड बार के बाहर हुए हंगामे और उसके बाद हुई पुलिस की किरकिरी शहर के सभी रेस्टोरेंट, क्लब, बार, पबों को महंगी पड़ गई है। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया है कि डीजे या तेज आवाज वाला म्यूजिक सिस्टम हर हाल में रात 10 बजे बंद करना होगा। रात 11 बजते ही नए कस्टमर्स की एंट्री बंद होगी और भीतर खाना, स्नैक और शराब पिलाने का ऑर्डर नहीं लिया जाएगा।
यही नहीं, रात 12 बजते ही ऐसे तमाम रेस्टोरेंट्स, क्लब, बार आदि का शटर डाउन करना होगा। पुलिस ने रात 11 से 12 बजे तक एक घंटे का वक्त ग्राहकों को वहां से भेजने और अपना कामकाज बंद करने के लिए दिया है। वहीं, शराब ठेकों के साथ खुले अहातों को बंद करने का टाइम रात 11 बजे का ही रहेगा। डीसीपी परमवीर सिंह परमार ने यह आदेश जारी किए हैं।
पीसीआर रखेगी नजर, थाना लेगा एक्शन
पुलिस की नई प्लानिंग के तहत रात में पीसीआर की टीमें इस आदेश को सख्ती से लागू करने पर नजर रखेंगी। पीसीआर के बाइक दस्ते और कार सवार टीम लगातार अपने एरिया में चल रहे रेस्टोरेंट्स, क्लब, बार, पब आदि की चेकिंग करती रहेंगी। अगर कहीं पाबंदी के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है तो पहले वो इनके मालिकों को अलर्ट करेंगे। अगर फिर भी न माने तो फिर संबंधित थाने को सूचित करेंगे और तुरंत पुलिस टीम वहां पहुंचकर कार्रवाई करेगी।
सादी वर्दी में 'रियलिटी चेक' करेंगे अफसर
पाबंदी के आदेशों को सख्ती से लागू करने के लिए अफसर सिर्फ पीसीआर टीमों पर भी निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि खुद सादी वर्दी में 'रियलिटी चेक' करेंगे। इसमें तय समय के बाद न केवल वे न केवल अंदर जाकर डीजे या म्यूजिक सिस्टम बजाने के चेकिंग करेंगे, बल्कि 11 बजे के बाद अंदर जाकर खाने या शराब की मांग भी करेंगे। अगर किसी ने उन्हें दे दिया तो फिर उनके खिलाफ उसी वक्त एक्शन लिया जाएगा।
नियम न मानने पर होगी कार्रवाई
शहर में अमन-कानून की व्यवस्था बनाए रखने के लिए ये आदेश जारी किए गए हैं, जिन्हें सख्ती से लागू किया जाएगा। जो पाबंदी के इन आदेशों का उल्लंघन करेगा, उनके खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी।
-परमवीर सिंह परमार, डीसीपी।
2 साल तक कैद की सजा
आदेश न मानने पर धारा 188 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। जिसमें एक महीने कैद की सजा हो सकती है। वहीं, पुलिस सीआरपीसी की धारा 144 के तहत भी कार्रवाई कर सकती है। इसमें दो साल तक की कैद व जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस चाहे तो ऑर्डर का उल्लंघन करने पर दोनों धाराओं में भी कार्रवाई कर सकती है।
- केएस हुंदल, सीनियर एडवोकेट।
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रेस्टोरेंट्स को ढील देकर पछताई थी पुलिस
न्यू ईयर की रात मॉडल टाउन के पैडलर्स पब एवं बार में महिला से छेड़छाड़ हो गई, जिसको लेकर झगड़ा हुआ तो वो बाहर पुलिस से मदद मांगने पहुंचे। वहां जांच कर एक्शन लेने की जगह महिला को जेंट्स कर्मचारी पकड़कर ले जाने लगे। पुलिस वाले उसके पति की भी चलती गाड़ी में पिटाई करते रहे। इसका वीडियो सर्कुलेट होने के बाद जालंधर शहरी पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। 'दैनिक जागरण' ने इस मुद्दे को उठाते हुए सवाल किया था कि आखिर इतनी देर तक एक रेस्टोरेंट में जश्न कैसे चलता रहा? जबकि पुलिस ठीक उसके नीचे खड़ी थी। इसके बाद पुलिस ने माना कि न्यू ईयर के जश्न में उन्होंने रेस्टोरेंट्स, बार आदि को थोड़ी ढील दी थी लेकिन उसका दुरुपयोग हुआ। इसीलिए अब पुलिस ने सख्ती बरतते हुए यह नए आदेश जारी कर दिए हैं।