Jalandhar Under Curfew: गुंडागर्दी पर उतरे लोग तो पुलिस को चलाना पड़ा डंडा
शहरी पुलिस ने कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए और कुछ लोग गिरफ्तार भी किए। देहात में सात मामले दर्ज किए और 11 लोगों को गिरफ्तार किया।
जालंधर [सुक्रांत]। कोरोना से बचाव को लेकर लगाए गए कर्फ्यू के चौथे दिन भी कई इसका उल्लंघन करने से बाज नहीं आए। घर में रहने के लिए कहने पर गुंडागर्दी पर उतर आए। बुधवार देर रात ढन्न मोहल्ला में तोता बदमाश ने और वीरवार दोपहर को ज्योति चौक पर एक युवक ने पुलिस कर्मियों के साथ हाथापाई की। तोता बदमाश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, जबकि दूसरे युवक पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, वीरवार को लोग कर्फ्यू को धता बताकर शहर की सड़कों पर उतरे। गली मोहल्लों में टोलियां बना कर बैठे युवा जहां पुलिस की सख्ती को कुछ नहीं समझ रहे थे।
वहीं, सड़कों पर लोग अपने वाहन लेकर निकले। पुलिस ने उनको रोका तो ज्यादातर दवा लेने के बहाना बनाते रहे और कुछ राशन और सब्जी की दुकानों का पता पूछते रहे। शहरी पुलिस ने कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए और कुछ लोग गिरफ्तार भी किए। वहीं, देहात पुलिस ने सात मामले दर्ज किए और 11 लोगों को गिरफ्तार किया। देहात पुलिस ने सड़कों पर घूम रहे तीन वाहनों को भी जब्त किया।
जालंधऱः वीरवार को कर्फ्यू के दौरान घर से बाहर सड़कों पर घूमने वालों को चेतावनी देती हुई पुलिस।
पुलिस की वर्दी पर हाथ डालने वाले बदमाश तोता के खिलाफ मामला दर्ज
कर्फ्यू के दौरान सड़क पर खड़े बदमाश सन्नी चौहान उर्फ तोता को पुलिस ने घर जाने के लिए कहा तो वह पुलिस कर्मी से हाथापाई पर उतर आया। बाकी पुलिस वाले मौके पर पहुंते तो तोता वहां से फरार हो गया। इसके बाद उसके खिलाफ धारा 188 सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। वहीं, वीरवार दोपहर को ज्योति चौक पर एक युवक मोटरसाइकिल लेकर निकला। पुलिस ने उसे रोका तो उसके आगे व पीछे की नंबर प्लेट खाली थी। पूछताछ करने पर वह पुलिस वालों से उलझ पड़ा। पुलिस ने उसे थाने में ले आई और उसकी बाइक जब्त कर ली।
और बोला पुलिस वाला - 'भैण जी चले जाओ घर, क्यों खतरे पा रहे सानूं ते खुद नूं'
कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों में शरारती तत्वों के अलावा कुछ मजबूर लोग भी थे। राशन, दवा, दूध लेने की सप्लाई घरों तक न पहुंचने के चलते लोग सड़कों पर निकल रहे थे। पुलिस उनको वापस भेज रही थी। ज्योति चौक पर एक महिला अपनी रिश्तेदार के साथ एक्टिवा पर निकली और पुलिस वालों से ही पूछने लगी कि भाजी, दूध वाला कित्थे मिलेगा। इस दौरान लोगों से परेशान पुलिस वाला पास खड़ी महिला को सीधे कहने की बजाए हाथ में पकड़े माइक से ही बोला - ''भैण जी चले जाओ घर, क्यों खतरे पा रहे सानूं ते खुद नूं।'
बढऩे लगी कालाबाजारी, प्रशासन बेखबर
प्रशासन ने दावा किया था कि फल, सब्जी, दूध, दवाएं घर घर तक पहुंचाई जाएंगी, लेकिन ऐसा न होने से लोग परेशान हो रहे हैं। इसका फायदा लेकर कुछ दुकानदार कालाबाजारी पर उतर आए हैं। गली मोहल्लों के दुकानदार आधा शटर खोल कर महंगे दाम पर आटा व अन्य खाद्य वस्तुएं बेच रहे हैं। बस्ती बावा खेल में एक करियाना स्टोर मालिक घर के अंदर से 240 रुपये किलो वाली आटे की बोरी 320 रुपये में बेच रहा था। यहां तक कि गलियों में आने वाले सब्जी विक्रेता भी 20 रुपये किलो वाले आलू 40 रुपये किलो में बेच रहे हैं। कई लोगों ने पुलिस विभाग के पास शिकायतें भी कीं, जिसके बाद संबंधित थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को चेतावनी दी।
फर्जी मीडिया वाला बन ले आया प्रेस का कार्ड
Curfew के दौरान बाहर घूमने के लिए खांबड़ा का रहने वाला राकेश सहगल जिला प्रशासन की तरफ से प्रेस को जारी हुआ फर्जी मीडिया का कार्ड बनवा कर घूम रहा था। अपने कार्ड पर उसने अपना काम और ओहदा डायरेक्टर लिखा था। इससे पुलिस को शक हुआ तो पुलिस ने उससे पूछा तो वह पत्रकार नहीं निकला। एसीपी हरसिमरत ने बताया कि उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वह फरार है।
पुलिस सहित कई लोग उतरे मदद को, बांटे फल, लंगर, मास्क, सेनेटाइजर
कर्फ्यू के दौरान लोगों को डरा कर घरों के अंदर भेजने वाली पुलिस गरीबों के लिए खाना भी मुहैया करवाने में भी जुटी रही। वीरवार को पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर, डीसीपी बलकार सिंह खुरला किंगरा में रहने वाले गरीब लोगों के लिए लंगर लेकर पहुंचे। पुलिस कमिश्नर ने वहां खुद लंगर वितरित किया और कहा कि पुलिस का काम कानून की पालना करवाना है, लेकिन इंसानियत को भूलना नहीं है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के दौरान गरीब लोग, दिहाड़ीदार लोग बाहर निकल नहीं सकते, इसलिए अब पुलिस व जिला प्रशासन ध्यान रखेगा कि उनको खाना हर हाल में उपलब्ध हो।
वहीं, भगवान वाल्मीकि उत्सव कमेटी के प्रधान विपन सभ्रवाल, यूथ प्रधान चेतन हांडा अपनी गाड़ी में फल, पानी, मास्क, बिस्कुट लेकर चौराहों पर खड़े पुलिस कर्मियों के पास गए और उनको वितरित किए। इसके बाद उन्होंने उन लोगों तक भी दूध, चाय इत्यादि पहुंचाए जो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रहने के लिए मजबूर थे। शिव सेना नेता इशांत शर्मा ने भी अपने सहयोगियों के साथ दूध, चाय, बिस्किट जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए।
कमिश्नरेट में दर्ज हुए मामले
- गांव रेरू निवासी हरजिंदर सिंह : कर्फ्यू के दौरान मिल्क बार खोलने पर
- खांबरा निवासी राकेश सहगल : मीडिया कर्मी न होते हुए भी मीडिया को जारी कर्फ्यू पास बनवा घूमने पर