Move to Jagran APP

Punjab Election 2022: जालंधर में केवल आदमपुर लटका, बाकी सभी विधानसभा सीटों पर सजा चुनावी मैदान

Punjab Assembly Election 2022 जालंधर की नौ विधानसभा सीटों पर चुनावी मैदान लगभग सज गया है। केवल आदमपुर विधानसभा हलके से भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार की घोषणा बाकी रह गई है। आइए डालते हैं एक नजर कहां किस प्रत्याशी का कितना जोर है।

By Edited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 05:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 06:45 PM (IST)
Punjab Election 2022: जालंधर में केवल आदमपुर लटका, बाकी सभी विधानसभा सीटों पर सजा चुनावी मैदान
जालंधर जिले में 9 विधानसभा सीटें आती हैं। सांकेतिक चित्र।

मनोज त्रिपाठी, जालंधर जालंधर की नौ विधानसभा सीटों पर चुनावी मैदान लगभग सज गया है। केवल आदमपुर विधानसभा हलके से भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार की घोषणा बाकी रह गई है। भाजपा ने वीरवार को जालंधर की कैंट, करतारपुर व शाहकोट सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके बाद से पार्टी के तमाम नेताओं में चुनाव प्रचार को लेकर उत्साह बढ़ गया है। कांग्रेस, आप व अकाली दल सभी सीटों पर पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है।

loksabha election banner

आखिरकार कैंट से मक्कड़ उतरे मैदान में

शिअद का दामन छोड़कर कमल थामने वाले सरबजीत सिंह मक्कड़ को भाजपा ने कैंट से उम्मीदवार बनाया है। मक्कड़ ने पिछला चुनाव कैंट से ही अकाली दल की टिकट पर लड़ा था लेकिन कांग्रेस के परगट सिंह से चुनाव हार गए थे। आदमपुर से विधायक रह चुके सरबजीत सिंह मक्कड़ को आदमपुर सीट के आरक्षित होने के बाद कपूरथला भेज दिया गया था। कपूरथला से 2007 व 2012 का चुनाव हारने के बाद मक्कड़ को पार्टी ने 2017 में कैंट से उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में मक्कड़ को 30,225 व परगट सिंह को 59,349 वोट मिले थे। उससे पहले 2012 में इस सीट पर अकाली दल का कब्जा था लेकिन जगबीर बराड़ की टिकट काटकर मक्कड़ को यहां से उतारा था। इस बार दोबारा पार्टी ने बराड़ पर विश्वास जताया है। बराड़ टिकट कटने के बाद कांग्रेस में चले गए थे लेकिन अब बराड़ ने घर वापसी की है। मक्कड़ के चुनावी मैदान में आने के बाद भाजपा के कई दिग्गज मायूस हुए हैं।

इस सीट पर भाजपा के देहाती के प्रधान अमरजीत सिंह अमरी, अमित तनेजा व भाजपा प्रवक्ता दीवान अमित अरोड़ा प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। पार्टी इस सीट से सोनू ढेसी को भी चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही थी। कैंट बनी हाट सीट, दो ओलिंपियन व दो दिग्गज मैदान में कैंट हलके में त्रिकोणीय लड़ाई बन गई है। यहां से कांग्रेस के खेल व शिक्षा मंत्री परगट सिंह, आम आदमी पार्टी से ओलिंपियन सुरेन्द्र सिंह सोढी, अकाली दल से जगबीर बराड़ व भाजपा से सरबजीत सिंह मक्कड़ मैदान में हैं।

गुरु की धरती पर चेले की सियासत

करतारपुर की सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है। इस सीट पर कांग्रेस के दिवंगत नेता चौधरी जगजीत सिंह लगातार पांच बार चुनाव जीत चुके थे। उनके बाद 2017 में इस सीट से उन्हीं के बेटे चौधरी सुरिंदर सिंह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। इस बार भाजपा ने पूर्व मेयर सुरिंदर महे को उम्मीदवार बनाया है। महे के इस सीट पर आने के बाद से करतारपुर की लड़ाई दिलचस्प हो गई है। सुरिंदर महे जालंधर के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं और महे को सियासत में लाने व मेयर बनाने में चौधरी जगजीत सिंह की अहम भूमिका थी। महे का राजनीतिक गुरु भी चौधरी जगजीत सिंह को माना जाता रहा है। रविदास बिरादरी से संबंधित महे का जालंधर वेस्ट व करतारपुर हलके में काफी होल्ड है। भाजपा ने महे को उम्मीदवार बनाकर दोनों सीटों पर अपना जनाधार मजबूत किया है। 2002 से लेकर 2007 तक जालंधर के मेयर रहने के दौरान महे ने जालंधर व करतारपुर के काफी इलाकों में विकास करवाया था।

गुरु के बेटे को ही टक्कर देंगे महे

इस बार उनका मुकाबला करतारपुर में कांग्रेस के मौजूदा विधायक चौधरी सुरिंदर सिंह, आप से पूर्व डीसीपी बलकार सिंह व अकाली-बसपा से एडवोकेट बलविंदर कुमार से होगा।

शाहकोट में भाजपा के चंदी पहली बार मैदान में

भाजपा ने शाहकोट से व्यापारी नरिंदरपाल सिंह चंदी को मैदान में उतारा है। चंदी पहली बार चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर अकाली दल के दिवंगत नेता अजीत सिंह कोहाड़ लगातार पांच बार चुनाव जीते थे। 2017 का चुनाव भी कोहाड़ ने जीता था लेकिन कुछ समय बाद उनके निधन होने पर यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया बाजी मार ले गए। उसके बाद से लाडी ने अकाली दल की झोली वाली इस सीट पर कांग्रेस की फसल तैयार करने के लिए काफी मेहनत की है। इस बार भाजपा की तरफ से व्यापारी नरिंदरपाल सिंह चंदी के मैदान में आने के बाद इस सीट पर भी चुनावी मैदान सज चुका है। देखना है कि यह किसके खाते में जाती है। शाहकोट में सीधा मुकाबला शिअद व कांग्रेस में शाहकोट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया, अकाली-बसपा बिचित्र सिंह कोहाड़, आप से रतन सिंह काकड़ कलां उम्मीदवार हैं। यह सीट अकाली दल की पारंपरिक सीटों में शुमार रही हैं।

नकोदर का चुनावी मैदान सजा

नकोदर से कांग्रेस के सबसे ज्यादा दावेदार थे। मौजूदा विधायक अकाली दल के गुरप्रताप सिंह वडाला को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने डा. नवजोत सिंह दहिया को मैदान में उतारा है। इसके अलावा आप से इंद्रजीत कौर मान और भाजपा के सहयोगी पंजाब लोक कांग्रेस की तरफ से ओलिंपियन अजीतपाल सिंह मैदान में उतारा गया है। इस सीट पर भी कांग्रेस व अकाली-बसपा में सीधे मुकाबले की नींव रखी जा चुकी है। वडाला अपने पिता दिवंगत कुलदीप सिंह वडाला की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। डा. नवजोत सिंह दहिया कोरोना काल में किए गए कामों के बदौलत सियासी मैदान में किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं।

नार्थ, सेंट्रल, वेस्ट और फिल्लौर में पहले ही सज चुका है मैदान

-जालंधर नार्थ में भाजपा से पूर्व सीपीएस व दो बार विधायक रह चुके केडी भंडारी और कांग्रेस से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे जूनियर हैनरी (बावा हैनरी) के अलावा अकाली-बसपा से कुलदीप सिंह लुबाना और आप से दिनेश ढल्ल काली मैदान में आ चुके हैं।

-सेंट्रल हलके से भाजपा के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के रा¨जदर बेरी तीसरी बार, आप से रमन अरोड़ा पहली बार और अकाली-बसपा से चंदन ग्रेवाल दूसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं।

-वेस्ट हलके में भाजपा की तरफ से मोहिंदर भगत दूसरी बार व कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुशील रिंकू भी दूसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट से आप के शीतल अंगुराल और बसपा के अनिल मीनिया पहली बार मैदान में उतरे हैं।

-फिल्लौर से कांग्रेस के चौधरी विक्रमजीत सिंह के अलावा अकाली दल से मौजूदा विधायक बलदेव सिंह खैहरा, आप से ¨प्रसिपल प्रेम कुमार तथा संयुक्त अकाली दल से सरवण सिंह फिल्लौर मैदान में हैं।

आदमपुर के चुनावी मैदान को उम्मीदवार का इंतजार

आदमपुर से भारतीय जनता पार्टी या पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी किसे उम्मीदवार बनाएगी, इसका फैसला वीरवार को भी नहीं हो सका। मोहिंदर सिंह केपी के इंतजार में न तो कांग्रेस इस सीट पर रिव्यू कर पा रही है और न ही केपी के इंतजार में कैप्टन अम¨रदर सिंह या भाजपा दूसरे उम्मीदवार का नाम फाइनल कर पा रही है। कैप्टन के खाते में गई इस सीट से कैप्टन खुद केपी को चुनावी मैदान में उतारने की कवायद में लगे हुए हैं लेकिन केपी को रिव्यू के बहाने पार्टी ने फिलहाल कांग्रेस छोड़ने से रोक लिया है। केपी पहले ही आजाद उम्मीदवार के रूप में परगट सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। अगर केपी भाजपा या कैप्टन के पाले में आ जाते हैं तो जालंधर की वेस्ट व आदमपुर के अलावा होशियारपुर की सीटों पर भी केपी भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.