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आखिर आठ साल बाद 'जूते' में शुरू होगी एनआइआइएफटी की क्लासें

देरी से ही सही खुशी की बात है कि पहली फरवरी से जालंधर की सबसे आकर्षक शैक्षणिक इमारत में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नार्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी (एनआइआइएफटी) यह इमारत अपने तय समय से आठ साल लेट बनकर तैयार हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 08:00 AM (IST)
आखिर आठ साल बाद 'जूते' में शुरू होगी एनआइआइएफटी की क्लासें
आखिर आठ साल बाद 'जूते' में शुरू होगी एनआइआइएफटी की क्लासें

अंकित शर्मा, जालंधर

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देरी से ही सही खुशी की बात है कि पहली फरवरी से जालंधर की सबसे आकर्षक शैक्षणिक इमारत में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नार्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी (एनआइआइएफटी) यह इमारत अपने तय समय से आठ साल लेट बनकर तैयार हुई है। प्रोजेक्ट 2012 में पूरा किया जाना था, लेकिन देरी के कारण लागत 30 करोड़ पहुंच गई। गुरु गोबिद सिंह एवेन्यू में बनी निफ्ट की इस इमारत में फिलहाल बीएसएसी फैशन डिजाइनिग का कोर्स करवाया जाएगा। कोर्स पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) के अधीन चलेगा। उसके सिर्फ 30 सीट हैं। फरवरी में एंट्रेंस एग्जाम लिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया मई-जून तक पूरी होगी और जुलाई से सेशन शुरू होगा।

30 फीसद थ्योरी व 70 फीसद प्रैक्टिकल

इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से इसका प्रोग्राम तैयार किया गया है, जिसके तहत 30 फीसद केवल थ्यूरी और 70 फीसद प्रेक्टिकल वर्क होगा। सप्ताह के पांच दिन यानी कि सोमवार से शुक्रवार तक सुबह नौ से पांच बजे तक क्लासें लगेंगी। --------------------

-02 साल में बननी थी लेकिन दस साल लग गए आकर्षक इमारत तैयार होने में

-2.60 एकड़ में बनी बिल्डिग

-30 स्टूडेंट्स के साथ शुरू होगा बीएससी फैशन डिजाइनिग का पहला बैच

-2009 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रखा था नींव पत्थर

-2010 में जगह की गई थी अलाट

-16 करोड़ रुपये रखी थी जमीन सहित प्रोजेक्ट की लागत

-30 करोड़ लग गए यानि तय लागत से दोगुना

---------------------------------- आइआइटी मुंबई ने दिया बिल्डिग को 'बूट' का डिजाइन

जालंधर को लैदर व स्पो‌र्ट्स का हब कहा जाता है। यहां चमड़े का सामान, लैदर जैकेट, लेदर शूज, होजरी, गारमेंट्स और टेक्सटाइल का काम होता है। यही कारण है को इस प्रोजेक्ट को स्टेट आफ आर्ट बिल्डिग के रूप में पहचान देनी थी। आइआइटी मुंबई को इसे डिजाइन करने का काम सौंपा गया था। दो बूट बनने है, अभी एक ही हुआ

आर्किटेक्ट रेणु खन्नी ने इमारत को दो जोड़ी बूट का डिजाइन दिया था। अभी एक बूट तैयार हुआ है। दूसरा अभी नहीं होगा, क्योंकि कोर्स को लेकर छात्रों की रुचि देखी जाएगी।

------------------------ हाईटेक तीन लैब हुई तैयार

इमारत में तीन लैब बनाई गई है। गारमेंट कंस्ट्रक्शन, पैट्रन मेकिग लैब और डिजाइनिग के लिए कम्प्यूटर लैब। इसमें स्टूडेंट्स की तरफ से कटिग व पैट्रन डिजाइन का काम किया जाएगा। गारमेंट्स भी स्टूडेंट डिजाइन कर सकेंगे। प्रत्येक छात्र के पास होगी मशीन

30 स्टूडेंट होंगे तो प्रत्येक के पास एक-एक मशीन होगी। स्टूडेंट्स रा मटीरियल खुद लेकर आएंगे, जबकि बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ धागा, निडल आदि की रिक्वायरमेंट यहीं से पूरी होगी। इसमें उन्हें इंटर लाकिग मशीनें, स्टीम आयरन आदि होगी। कंप्यूटर लैब में वे नए-नए डिजाइन बनाने की ट्रेनिग लेंगे।

तीन साल में यह कोर्स होगा

पहला साल : डेवेलपमेंट आफ बेसिक स्किल्स

दूसरे साल : डेवेलपमेंट आफ डिजाइन स्किल्स

अंतिम साल : डेवेलपमेंट आफ प्रोफेशनल स्किल्स

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डेढ़ साल का कोर्स होने पर इंडस्ट्री में इंटर्नशिप भी लगेगी। कोर्स इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार ही तैयार किया गया। इंडस्ट्रियल विजिट, गेस्ट लेक्चर, इंटर्नशिप होगी। इंडस्ट्री की जरूरत के अनुसार आने वाले समय में शार्ट टर्म कोर्स भी चलेंगे।

रुचि चोपड़ा, असिस्टेंट प्रोफेसर, एनआइआइएफटी, जालंधर।

--------- मोहाली, लुधियाना के बाद पंजाब की यह तीसरी बिल्डंग है

एनआइआइएफटी के असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव भूपिदर शर्मा कहते हैं कि मोहाली और लुधियाना के बाद जालंधर में बनी यह बिल्डिग पंजाब में तीसरा प्रोजेक्ट है। यह बिल्डिग पूरी तरह से सेंटरलाइज्ड एसी होगी। एक्टिविटी के लिए इनडोर गेम्स हाल, स्मार्ट क्लासरूम, कम्प्यूटराइज्ड नोटिस बोर्ड लगाए जा रहे हैं।


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