Move to Jagran APP

दो अप्रैल को हिंदू नववर्ष के साथ होगा नवरात्र का आगाज, जालंधर के मंदिरों में होंगे भव्य आयोजन

सनातन धर्म के मुताबिक चैत्र माह को धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना गया है। कारण इस माह में ही हिंदू नववर्ष का आगमन भी होता है। इस हिसाब से यह माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना भी होता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 27 Mar 2022 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 27 Mar 2022 02:01 PM (IST)
दो अप्रैल को हिंदू नववर्ष के साथ होगा नवरात्र का आगाज, जालंधर के मंदिरों में होंगे भव्य आयोजन
विक्रम संवत 2079 दो अप्रैल से आरंभ होगा। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। विक्रम संवत 2079 यानी हिंदू नववर्ष का आरंभ दो अप्रैल से होने जा रहा है। इसे लेकर जहां सनातनियों में भारी उत्साह है, वहीं शहर के मंदिरों में भी व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है। इसी तरह हिंदू नववर्ष को लेकर जिले के हिंदू संगठनों की तरफ से व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जा रहा है।

loksabha election banner

दरअसल, सनातन धर्म के मुताबिक चैत्र माह को धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना गया है। कारण इस माह में ही हिंदू नववर्ष का आगमन भी होता है। इस हिसाब से यह माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना भी होता है। इस बारे में श्री मेला राम मंदिर सैंदा गेट के प्रमुख पुजारी पंडित भोला नाथ त्रिवेद्धी बताते है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। जो इस बार दो अप्रैल को है। वह बताते है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल जनवरी के महीने से शुरू हो जाता है,लेकिन वैदिक हिंदू परंपरा और सनातन काल गणना में चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर नववर्ष की शुरुआत होती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित एसके शास्त्री भृगु।

ज्योतिषाचार्य पंडित एसके शास्त्री भृगु के मुताबिक दो अप्रैल को हिंदू नववर्ष के साथ नवरात्र का आगाज भी होगा। जिससे इस दिन का धार्मिक महत्व बढ़ जाता है। इस दिन से शुरू होकर नवरात्र श्री रामनवमी तक चलेंगे। वहीं, एक दिन पहले अष्टमी पर कंजक पूजन किया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ब्रह्राजी ने समस्त सृष्टि की रचना की थी। तब से लेकर इसे हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है।

शहर के मंदिरों में स्थापित होंगे श्री सनातन धर्म ध्वज

हिंदू नववर्ष को लेकर दो अप्रैल को शहर के मंदिरों में सनातन धर्म ध्वज स्थापित किए जाएंगे। इस संबंध में आयोजित बैठक के दौरान श्री सनातन धर्म समिति पंजाब की बैठक हुई। समिति के संस्थापक अध्यक्ष रविशंकर शर्मा की अध्यक्षता में जिले भर से हिंदू संगठन व धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि श्री सनातन धर्म ध्वज वैदिक सनातन संस्कृति की प्रतिष्ठा का प्रतीक है। राष्ट्र की सुख समृद्धि के लिए तथा संपूर्ण जाति के कल्याण की कामना को लेकर सत्य, न्याय ,प्रेम ,करूणा, दया धर्म के प्रतीक सनातन धर्म ध्वज की प्रतिष्ठा परंपरा तथा संस्कृति रही है।

श्री गीता महामंडल के संस्थापक पंडित केवल कृष्ण शर्मा, श्री हरि मंदिर के पंडित सुभांशु, श्री गीता मंदिर अर्बन स्टेट फेज दो के पंडित विनय तिवारी, बैंक इंक्लेव शिव शक्ति मंदिर से पंडित कमलेश शास्त्री, पंडित ज्योति प्रकाश, पंडित राम शंकर ने भी इस मुहिम में सहयोग देने का एलान किया। इस मौके पर पंडित अशोक शर्मा, पंडित मोहनलाल शर्मा, राहुल बाहरी, प्रमोद मल्होत्रा, श्याम सुंदर शर्मा, गुलशन सभ्रवाल, विजय सेठी, दविंदर चोपड़ा, सुरेश अरोड़ा, नीरज शर्मा, जुगल जोशी, सुमित कालिया, कमलजीत मल्होत्रा, प्रिंस सैनी, यश पहलवान व हरीश शर्मा मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.