जालंधर निगम स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाने में असफल, सड़कों पर 15 हजार रेहड़ियां-फड़ियां बनीं ट्रैफिक में रुकावट
लाकडाउन से पहले स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाने में तेजी आई थी लेकिन अब फिर हालात बदल गए हैं। करीब 4 साल पहले हुए सर्वे में नगर निगम के रिकॉर्ड में 12000 के लगभग रेहड़ियां-फड़ियांदर्ज हुई थी अब इनकी गिनती 15000 से ऊपर हो चुकी है।
जालंधर, जेएनएन। नगर निगम 4 साल बाद भी स्ट्रीट वेंडिंग जोन पर काम नहीं कर पाया है। इस कारण से शहर की सड़कों पर 15,000 से ज्यादा रेहड़ियां-फड़ियां लगी हुई हैं। रेहड़ियां-फड़ियां मेन रोड। गलियों बाजारों में ट्रैफिक सिस्टम में रुकावट पैदा कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट का अादेश है कि जब तक स्ट्रीट वेंडिंग जोन नहीं बनाए जाते तब तक रेहड़ियां-फड़ियां को नहीं हटाया जा सकता।
लाकडाउन से पहले स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाने में तेजी आई थी लेकिन अब फिर हालात बदल गए हैं। करीब 4 साल पहले हुए सर्वे में नगर निगम के रिकॉर्ड में 12000 के लगभग रेहड़ियां-फड़ियांदर्ज हुई थी, अब इनकी गिनती 15000 से ऊपर हो चुकी है।
निगम ने पहले फेस में 34 साइट तय की थी जहां पर स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ियां-फड़ियां को शिफ्ट किया जाना था। इनमें अभी सिर्फ बस स्टैंड वेडिंग जोन पर ही काम शुरू हुआ है। ओल्ड जीटी रोड पर सबसे अधिक रेहड़ियां-फड़ियां हैं। इसके साथ लगते बाजारू ज्योति चौक से शेखा बाजार, सैंदा गेट में रेहड़ियां-फड़ियां की भरमार है।
हालांकि अभी संडे बाजार पर रोक है लेकिन संडे बाजार में ही सैकड़ों की गिनती में रेहड़ियां-फड़ियां लगती हैं। नगर निगम के तहबाजारी विभाग के सुपरिंटेंडेंट मनदीप सिंह का कहना है कि लाकडाउन के कारण प्रोजेक्ट में देरी हो गई है लेकिन अब इसे दोबारा शुरू करने जा रहे हैं। स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाने के लिए जगह तय की गई है और इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए टेंडर भी लगाया गया है।
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