जालंधर मनी चेंजर लूट मामलाः बेटा आईलेट्स कर रहा था, लूट के पैसों से विदेश भेजने चाहती थी आरोपित सर्बजीत कौर
जालंधर में बस स्टैंड के पास स्थित अरोड़ा मनी चेंजर की दुकान पर लाखों की लूट करने के मामले में गिरफ्तार हुई सर्बजीत कौर का बेटा आइलेट्स कर रहा है और विदेश जाना चाहता है। लूट के पैसों से उसने अपने बेटे को विदेश भेजने की योजना बनाई थी।
जालंधर, जेएनएन। जालंधर में बस स्टैंड के पास स्थित अरोड़ा मनी चेंजर की दुकान पर लाखों की लूट करने के मामले में गिरफ्तार हुई सर्बजीत कौर का बेटा आइलेट्स कर रहा है और विदेश जाना चाहता है। सर्बजीत कौर ने राकेश कुमार की दुकान पर आकर उसके पास हर समय लाखों रुपये मौजूद रहते देख लिए थे। उसे यह भी मालूम हो .या था कि यदि पिस्तौल या कोई और हथियार दिखाया जाए तो राकेश के पासे ले जाना आसान काम था। वहीं उसे यह भी मालूम था कि उसकी बहन भी हथियारबंद लुटेरों का सामना नहीं कर सकती। ऐसे में उसके मन में लालच आ .या और उसने लूट की योजना बना ली।
लूट के पैसों से उसने अपने बेटे को विदेश भेजने की योजना बनाई थी। योजना में यह भी शामिल था कि लूट के बाद पुलिस को आने में देरी हो सकती है और वह किसी बहाने दुकान से निकल आती जिसके बाद पुलिस का उन तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता। वहीं पुलिस ने रिमांड के दूसरे दिन भी आरोपितों से पूछताछ की। फरार चल रहे गुरकृपाल की तलाश में भी कई जगह पर छापेमारी की। जल्द ही पुलिस फरार आरोपित को भी गिरफ्तार कर सकती है। सीआईए प्रभारी हरमिंदर सिंह ने बताया कि फरार आरोपित के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है और जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।
यह था मामला
शुक्रवार शाम को को बस स्टैंड के पास स्थित अरोड़ा मनी चेंजर की दुकान पर शुक्रवार शाम को नकाबपोश लुटेरों ने गन पॉइंट पर लाखों लूट लिए थे। जाते-जाते दुकान मालिक राकेश कुमार और उनके पास काम करने वाली लड़की और मिलने के लिए आई रुपिंदर की बहन तरनतारन निवासी सरबजीत कौर के मोबाइल भी साथ ले गए थे। सूचना मिलते ही एडीसीपी अश्वनी कुमार, एसीपी हरेंद्र सिंह, थाना छह के प्रभारी सुरजीत सिंह, सीआईए प्रभारी हरमिंदर सिंह, बस स्टैंड चौकी प्रभारी मेजर सिंह मौके पर पहुंचे। वहां पास ही लगे सीसीटीवी कैमरे में लुटेरे कैद हो गए थे।
पुलिस को दिए बयानों में मालिक राकेश कुमार ने बताया था कि वह करार खां मोहल्ला में रहता है और कई सालों से मनी चेंजर का दफ्तर चला रहा है। शुक्रवार करीब पांच बजे वह अपनी दुकान पर बैठा था। उसके साथ दुकान पर काम करने वाली लड़की रूपिंदर कौर, जो उसके पास करीब चार साल से काम करती है, और रुपिंदर की बहन सर्बजीत कौर, जो तरनतारन से आई थी, भी बैठी थी। इसी बीच मुंह पर मफलर बांधे दो युवक अंदर आए। उनमें से एक के हाथ में गन थी।
उन्होंने आते ही मालिक राकेश कुमार को गन प्वाइंट पर लिया और कहा कि सारे पैसे निकाल दे। इसके बाद लुटेरों ने खुद ही गले में पड़ी ढाई लाख की भारतीय करंसी और करीब साढ़े तीन लाख की विदेशी करंसी, जिसमें डालर, थाई बाठ, कैनेडियन डालर थे, उठा ली। इसके बाद दोनों लुटेरे बाहर भागे तो रुपिंदर कौर लुटेरों के पीछे भागी लेकिन लुटेरे फरार हो गए। लूट के बाद भाग रहे लुटेरे पास ही एक डाक्टर के क्लिनिक के बाहर लगे कैमरे में कैद हो गए थे। पुलिस ने सर्बजीत कौर को भी पूछताछ के लिए राउंडअप कर लिया था।
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