जालंधर दुष्कर्म कांडः उड़ना चाहती थी मासूम, छूना चाहती थी सितारों को, सपनों को रौंद दिया दरिंदे ने
Jalandhar Missdeed Case मासूम उड़ना चाहती थी। छूना चाहती थी सितारों को लेकिन मासूम सपनों को दरिंदे ने रौंद डाला। मां ने बताया कि उसने घर के सामने ही स्कूल में पढ़ना शुरू किया था। टीचर ने नई यूनिफार्म व किताबें और नए जूते और बस्ते लाकर दिए थे।
जालंधर [सुखविंदर बग्गा]। जालंधर में सात साल की मासूम गुस्से और बदले की बलि चढ़ गई। कुछ दिन पहले बच्ची के पिता और संतोष के बीच कुछ कहासुनी हुई। इसी रंजिश के चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया। मासूम उड़ना चाहती थी। छूना चाहती थी सितारों को, लेकिन मासूम सपनों को दरिंदे ने रौंद डाला। मां ने बताया कि उसने घर के सामने ही स्कूल में पढ़ना शुरू किया था। टीचर ने नई यूनिफार्म व किताबें और नए जूते और बस्ते लाकर दिए थे। रविवार को उन्हें बार-बार देखकर मां रोती रही। मासूम ने घर के सामने ही स्थित स्कूल में दाखिला लिया था। बच्ची को पेंटिंग का शौक था और उसके घर पर पेंटिंग की कापी में कई पेंटिंग बनाई थी। उसकी अंतिम पेंटिंग में आसमान और सितारों के साथ छोटा सा आशियाना था। उस पेंटिंग को उसने शनिवार को ही बनाया था।
इसके अलावा एक पेंटिंग में सपनों के आसमां में गुब्बारों के साथ उड़ने की चाहत के रंग भरे थे..पर उसको क्या पता था कि यह पेंटिंग उसकी आखिरी होगी। न कभी वह उड़ पाएगी और न बादलों में जिंदगी के रंग भर पाएगी। मां बार-बार उसकी इसी पेंटिंग को छूकर रो रही थी। परिवार के लोग उसे संभालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मां बच्ची व उसके सपनों को इन्ही रंगों व उसके पन्नों में ढूंढने की कोशिश कर रही थी।
बच्ची से करता रहा क्रूरता, खून बहता रहा लेकिन नहीं आई दया
पोस्टमार्टम पांच डाक्टरों के पैनल ने किया। जांच में सामने आया कि बच्ची की हत्या पिछले 24 घंटों के दौरान ही हुई है। बच्ची के साथ पूरी क्रूरता की गई और उसका खून भी बहुत बहा। इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई।
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