मेहरचंद कॉलेज में बोले एक्सपर्ट- छात्रों की सोच तर्कसंगत बना उन्हें रोजगार के काबिल बनाएगी नई शिक्षा नीति
वेबिनार में 340 विद्यार्थियों के साथ-साथ 48 स्टाफ मैंबर्स की तरफ से हिस्सा लिया गया। नोडल अफसर ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को संसार की सोच के तर्कसंगत करना और युवाओं को रोजगार के काबिल बनाना है।
जासं, जालंधर। आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन की हिदायतों के अनुसार मेहरचंद कॉलेज में नई शिक्षा नीति पर वेबिनार करवाई गई। इसका आयोजन नोडल अफसर प्रो. कश्मीर कुमार के नेतृत्व में हुआ। डा. शीना नैयर ने बतौर रिसोर्स पर्सन नई शिक्षा नीति के बारे में सभी को जानकारी देकर जागरूक किया।
वेबिनार में 340 विद्यार्थियों के साथ 48 स्टाफ मेंबर्स ने हिस्सा लिया। प्रो. कश्मीर कुमार ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 का मुख्य उद्देश्य सोच को तर्कसंगत करना और युवाओं को रोजगार के काबिल बनाना है ताकि देश बुलंदियों को प्राप्त कर सके। इस नई स्कीम में बच्चों का दिमागी बोझ घटा कर उन्हें खेल के साथ-साथ सभ्याचारक गतिविधियों के साथ जोड़ा गया है। गांव के लोगों को इस नई शिक्षा नीति प्रति जागरूक करने के लिए कॉलेज अपने-अपने प्रसार केंद्रों से अलग-अलग गांवों को जोड़ रहे हैं। इस प्रोग्राम को सफल बनाने में नेहा, अखिल भाटिया का बेहतरीन योगदान रहा। विद्यार्थियों के साथ-साथ स्टाफ मेंबर्स ने सवालों के जरिये अपनी शंकाएं दूर की।
मल्टीपल एग्जिट व एंट्री होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई व्यर्थ नहीं जाएगीः प्रिं. जगरूप
प्रिंसिपल डा. जगरूप सिंह ने कहा कि आज के समय की जरूरत है कि विद्यार्थी बेहतर करियर के साथ-साथ स्वस्थ रहें। नई शिक्षा नीत में पढ़ाई के दौरान उनमें मानसिक तनाव व बोझ न बढ़े, इसका खास ध्यान रखा गया है। मल्टीपल एग्जिट व एंट्री होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई व्यर्थ नहीं जाएगी बल्कि उन्हें उनकी जितनी पढ़ाई होगी उसका ही सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री मिलेगी। पहले बीच में पढ़ाई छोड़ देने पर गैप आने से विद्यार्थियों को दोबारा वही पढ़ाई करनी पड़ती थी। नई पालिसी के अनुसार अब ऐसा नहीं होगा।