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जालंधर में राजा के नए अवतार का इंतजार, ज्योतिषी की सलाह पर लंबे कोट व बूट का इंतजाम

जालंधर के मेयर जगदीश राजा विकास कार्यों में फेल साबित हुए हैं। अब उन्हें उनके करीबी एक ज्योतिषि ने राय दी है कि नए साल में नए अवतार में आ जाएं। इसके बाद राजा ने लंबे कोट सहित लंबे बूट का भी इंतजाम कर लिया है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 07:05 AM (IST)
जालंधर में राजा के नए अवतार का इंतजार, ज्योतिषी की सलाह पर लंबे कोट व बूट का इंतजाम
नगर निगम की पहली बैठक में जगदीश राजा का नया अवतार सभी को दिखने वाला है।

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। शहर के मेयर जगदीश राज राजा अपनी लुक व ड्रेस को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। 40 साल से राजा को शहर के लोग एक ही स्टाइल में देख रहे हैं। उनके हेयर स्टाइल से लेकर कपड़ों का स्टाइल एक ही रहा है। यह उनकी पहचान भी है। मेयर बनने के बाद भी राजा ने अपने स्टाइल में बदलाव नहीं किया। यह अलग बात है कि विकास कार्यों में फेल होने के बाद अब उन्हें उनके करीबी एक ज्योतिषि ने राय दी है कि नए साल में नए अवतार में आ जाएं। इसके बाद राजा ने लंबे कोट सहित लंबे बूट का भी इंतजाम कर लिया है। नए साल में होने वाली नगर निगम की पहली बैठक में राजा का यह अवतार सभी को दिख जाने वाला है। राजा भी इसे लेकर उत्साहित हैं। सभी तरफ चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि हेयर स्टाइल कैसा होगा।

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चेले ने गुरु को भी फंसाया

शहर में बीते कई दिनों से आरटीआइ की आड़ में ब्लैकमेलिंग का मामला चर्चा में है। आरटीआइ एक्टीविस्ट सिमरनजीत और कांग्रेस नेता मेजर सिंह के बीच ब्लैकमेलिंग का विवाद अभी थमा नहीं है। लड़ाई इतनी बढ़ गई कि थाने का घेराव करने से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक गुहार लगाई गई, लेकिन नतीजा हासिल नहीं हुआ। सारे प्रकरण को लेकर पूरा शहर मजे लेता रहा कि अब ऊंट आया पहाड़ के नीचे। सभी इंतजार करते रहे कि कार्रवाई तो होकर रहेगी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई तो सभी को हैरानी हुई। इसी बीच मेजर सिंह ने अपने सियासी गुरु तेजिंदर सिंह बिट्टू को भी कठघरे में खड़ा कर दिया कि कार्रवाई न होने के पीछे बिट्टू का हाथ है। दो दिन में मेजर सिंह फिर पलट गए। इसके बाद से सत्ता के गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ब्लैकमेलिंग कर कौन रहा है और ब्लैकमेल हो कौन रहा है।

नए साल में सब छुट्टी पर रहे

बीता साल सभी को रुला कर डरा कर निकल गया। नए साल के इंतजार में लोगों ने एक-एक दिन करके इस उम्मीद में काटे कि कोरोना वायरस से नए साल में सभी को मुक्ति मिल जाएगी। कोविड-19 की वैक्सीन आने की खबर भी साल के अंत तक सभी को मिल गई। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन सरकार दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों को पुराने साल के अंत में छुट्टियों का ऐसा तोहफा दे गया कि उनकी सारी थकान दूर गई। दर्जनों की संख्या में सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों ने साल के अंत में दो छुट्टियों को शनिवार व रविवार के साथ जोड़कर चार छुट्टियों में तब्दील कर लिया और पहाड़ों की गोद में सैर का लुत्फ लिया। यही वजह रही है नए साल की शुरुआत में ज्यादातर विभागों में कर्मचारियों की कमी रही। दफ्तरों में काम करवाने आए लोग परेशान होते रहे।

चल रही दुकानें, बन गए किसान

पंजाब में बीते कई महीनों से केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानून को रद करवाने के लिए किसान आंदोलित हैं। किसानों के विरोध ने अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। सभी सियासी दलों ने मौके की नजाकत को देखते हुए किसानों का समर्थन करना भी शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है जो इस मामले को लेकर लगातार किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल हो या कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी सहित बाकी के दल। हर किसी नेता की नजरें किसानों के वोट बैंक पर हैं। अब तो इस मामले को लेकर किसानों के प्रति बढ़ रही सहानुभूति के चलते जिनकी दुकान है वह भी किसान बन गए हैं। ये किसान बनकर उनके हिस्से की सहानुभूति लेने में लगे हुए हैं। इंटरनेट मीडिया पर इसे लेकर किसानों से ज्यादा यही लोग ही सक्रिय हैं।


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