कैप्टन के आदेश, अधिकारी तुरंत हल करेंगे इंडस्ट्री की समस्याएं
सचिव स्तर के अधिकारी उद्योगपतियों की समस्याओं का हल करेंगे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : इंडस्ट्री से जुड़े तमाम विभागों के सचिव स्तर के अधिकारी जालंधर के उद्योगपतियों के साथ बैठकर आगामी दो-चार दिन में उनकी समस्याओं का हल करेंगे। प्रदेश की अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन संबंधित विभागों की अफसरशाही की बैठकें उद्योगपतियों के साथ करवाएंगी। ये आदेश मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में जालंधर इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ हुई बैठक के दौरान जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को फोन पर ही आदेश जारी किए।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधिमंडल को जालंधर वेस्ट के कांग्रेसी विधायक सुशील कुमार रिकू मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के साथ मुलाकात करवाने के लिए चंडीगढ़ साथ लेकर गए थे। एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के समक्ष वैट रिफंड ना मिलने एवं सरकार की तरफ से पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने के वादे को ना निभाने का मसला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में विधायक सुशील रिकू, चेयरमैन मेजर सिंह, एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह समेत राजू विर्क, राकेश बहल, राजकुमार शर्मा, राजीव सूरी उपस्थित थे। पीपीसीबी भी कर रही है इंडस्ट्री को तंग
मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अफसरशाही इंडस्ट्री को तंग कर रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के हवाले से ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी के नोटिस इंडस्ट्री को झेलने पड़ रहे हैं। नेशनल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी के नियम इतने जटिल हैं कि उन्हें पूरा कर पाना जालंधर की इंडस्ट्री के बस में नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बताया कि लेबर एंड फैक्ट्री डिपार्टमेंट की तरफ से उद्योगपतियों को बुरी तरह से परेशान किया जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि उद्योग जगत परेशान हो चुका है और इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर है। सूबे में ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी के गठन की मांग की
गुलशन सिंह ने केंद्र की तर्ज पर पंजाब में भी ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी के गठन की मांग की जिस पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि शीघ्र ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होने जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल इंडस्ट्री के अन्य सदस्यों को आश्वासन दिया कि अगर कुछ ही दिन में उनकी समस्याएं हल नहीं होती हैं तो विधायक सुशील रिकू उन्हें दोबारा उनसे (मुख्यमंत्री के साथ) बैठक के लिए लेकर आएंगे।