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सरकारी मुलाजिम बोले- मांगें पूरी नहीं हुईं तो तेज करेंगे संघर्ष, सरकार पर निकाली भड़ास

सरकारी मुलाजिमों ने वीरवार को कलमछोड़ हड़ताल की है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे संघर्ष और तेज करेंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 04:06 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 04:06 PM (IST)
सरकारी मुलाजिम बोले- मांगें पूरी नहीं हुईं तो तेज करेंगे संघर्ष, सरकार पर निकाली भड़ास
सरकारी मुलाजिम बोले- मांगें पूरी नहीं हुईं तो तेज करेंगे संघर्ष, सरकार पर निकाली भड़ास

जालंधर, जेएनएन। पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विसेज यूनियन और सांझा मुलाजिम मंच के आह्वान पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने जिले में 6 अगस्त को सभी सरकारी विभागों में हड़ताल रखी। इस बीच यूनियन नेताओं ने संघर्ष और तेज करने की चेतावनी दी है। वीरवार को जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में प्रेस कांफ्रेंस में यूनियन नेता तेजिंदर सिंह और सुखजीत सिंह ने कहा कि मुलाजिम संगठनों ने करीब 20 दिन पहले सरकार के समक्ष मांगे रखते हुए हड़ताल की चेतावनी दी थी। इस बीच मुलाजिमों की कोई सुनवाई नहीं की गई, जिसके चलते 6 से 14 अगस्त तक कलम छोड़ हड़ताल का एलान किया गया है।

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उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के ऑडिट विंग के निरीक्षक को बिना किसी विभागीय जांच के जेल भेजना अति निंदनीय है। सरकार मुलाजिमों के साथ गलत व्यवहार कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंजाब सिविल सर्विसेज नियमों के मुताबिक संबंधित विभाग की पड़ताल के बाद ही पुलिस कार्रवाई की जाती है। इस मामले में तमाम नियमों को दरकिनार किया गया है। कोरोना महामारी के दौरान सरकारी मुलाजिमों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सेवाएं दी हैं। वहीं, सरकार उनकी जायज मांगों को लेकर लगातार टालमटोल कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर 14 अगस्त के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वे संघर्ष और तेज करने को विवश होंगे।

यह हैं मुलाजिमों की मांगें

- वर्ष 2004 के बाद भर्ती हुए मुलाजिमों को पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए।

- नई भर्ती पूरे वेतन स्केल पर लागू हो।

- नई भर्ती पर केंद्र का सातवां वेतन कमीशन लागू करने का फैसला वापस लिया जाए।

- महंगाई भत्ते की किस्त जल्द जारी की जाए।

- छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए।

- बराबर काम बराबर वेतन का सिद्धांत लागू हो।

- 200 रुपये विकास टैक्स तथा मोबाइल भता कम किए जाने का फैसला वापस लिया जाए।

- कैशलैस हेल्थ स्कीम लागू की जाए।

-  कच्चे और आउटसोर्सिंग पर रखे मुलाजिमों को पक्का किया जाए।


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