Punjab Roadway Contractual Staff Strike: बस स्टेशन बंद करने से आपाधापी का माहौल, बाहर लगा सरकारी और निजी बसों का जमावड़ा
कांट्रेक्ट कर्मचारियों के विरोध के कारण बस स्टैंड के आसपास के क्षेत्रों में बसों का जमावड़ा हो गया है। सरकारी समेत निजी बसें भी बस स्टैंड के बाहर से ही चल रही हैं। आपाधापी में यात्रियों को पता नहीं चल पा रहा है कि कौन सी बस कहां जाएगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर। परिवहन मंत्री के आश्वासन के बावजूद कैबिनेट बैठक में पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पीआरटीसी कांट्रेक्ट मुलाजिमों ने घोषणा के बाद भी रेगुलर न किए जाने के विरोध में शुक्रवार को जालंधर के शहीद ए आजम भगत सिंह इंटरस्टेट बस टर्मिनल को 2 घंटे के लिए बंद कर दिया है। 10 बजे शुरू हुआ कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन 12 बजे तक चलेगा। कांट्रेक्ट कर्मचारियों के विरोध के कारण बस स्टैंड के आसपास के क्षेत्रों में बसों का जमावड़ा हो गया है। बीएसएफ चौक के आसपास ट्रैफिक जाम की स्थिति है। सरकारी समेत निजी बसें भी बस स्टैंड के बाहर से ही चल रही हैं। आपाधापी के माहौल में यात्रियों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि कौन सी बस किस जगह तक जाएगी।
सोमवार से राज्यभर में बसों का चक्काजाम करने की चेतावनी
स्थायी नौकरी की मांग कर रहे पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रेक्ट मुलाजिमों ने शुक्रवार की सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक बस स्टैंड बंद रखने की घोषणा की है। इसके अलावा सोमवार से राज्यभर में सरकारी बसों का चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई है। बस स्टैंड के आसपास के क्षेत्र में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने के बाद बाहर से आने वाली कुछ बसों ने यात्रियों को बस स्टैंड फ्लाईओवर के ऊपर ही उतारना शुरू कर दिया है। इस वजह से यात्रियों को सामान उठाकर नीचे उतरना पड़ रहा है।
यूनियन की कुछ दिन पहले परिवहन मंत्री के साथ बैठक हुई थी, जिसमें आश्वासन दिया गया था कि पहली ही कैबिनेट बैठक में उन्हें स्थायी करने की घोषणा कर दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक तो हुई, लेकिन उसमें मुलाजिमों को रेगुलर करने संबंधी घोषणा नहीं की गई। मुलाजिमों के आक्रोश में आने की वजह यह भी है कि सरकार की तरफ से कैबिनेट बैठक के बाद यूनियन के साथ कोई बातचीत नहीं की जा रही है। बता दें कि कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन सितंबर में करीब एक सप्ताह तक बसों का चक्का जाम कर दिया था। इसके बाद लांग रूट की दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान तक बसों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हो गया था।