जालंधर में अब तक दो करोड़ कैश और 30 लाख का सोना जब्त, संवेदनशील सीट घोषित
दस मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद जालंधर लोकसभा सीट से अब तक 2.04 करोड़ कैश पकड़ा जा चुका है।
जालंधर, [मनीष शर्मा]। दस मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद जालंधर लोकसभा सीट से अब तक 2.04 करोड़ कैश पकड़ा जा चुका है। इसके अलावा 30 लाख का सोना और साढ़े नौ लाख की लगभग ढ़ाई किलो चांदी पकड़ी जा चुकी है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने जालंधर लोकसभा सीट को चुनाव खर्च के लिहाज से संवेदनशील घोषित कर दिया है। मतलब साफ है कि जालंधर सीट पर बड़े पैमाने पर वोटरों की खरीद-फरोख्त हो सकती है। चुनाव आयोग को मिले बरामदगी के आंकड़े को देखते हुए वीरवार को दिल्ली से आए निर्देश के बाद जनरल ऑब्जर्वर आई सैमुअल आनंद कुमार और पुलिस आब्जर्वर राजेश जैन ने खर्चा आब्जर्वर प्रीति चौधरी और अमित शुक्ला, जिला चुनाव अफसर डीसी वरिंदर शर्मा के साथ नौ विधानसभा क्षेत्रों के सहायक रिटर्निंग अफसरों को तलब किया।
इसके बाद फ्लाइंग स्क्वायड की टीमों को और ज्यादा प्रभावी बनाने और सहायक रिटर्निंग अफसरों को भी अलर्ट रहने के कड़े निर्देश जारी किए गए। यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर उनके एरिया में कहीं भी लालच से वोटों की खरीद फरोख्त हुई तो कार्रवाई की गाज उन पर भी गिरेगी।
मनी पावर का होगा इस्तेमाल!
चुनाव आयोग ने जालंधर लोकसभा सीट को खर्चे के लिहाज से संवेदनशील घोषित कर पैसे या मुफ्त की चीजें देकर वोटरों की खरीद-फरोख्त की आशंका जता दी है। यह इसलिए भी है क्योंकि जालंधर लोकसभा सीट पर साढ़े चार सौ से ज्यादा ऐसे पोलिंग बूथों की पहचान हो चुकी है, जहां पर कुछेक राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए वोटरों पर मनी पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन बूथों के एरिया में कमजोर या गरीब तबके के लोग हैं या ऐसे कुछेक घर या परिवार हैं, जिन पर आयोग को संदेह है कि वो पैसे या गिफ्ट लेकर वोट बेच सकते हैं। हालांकि मतदान में अभी नौ दिन बाकी हैं, इससे पहले ही बड़ी रकम पकड़े जाने से आयोग की आशंका भी सच साबित होती जा रही है।
फ्लाइंग स्क्वायड टीमें 30 मिनट से ज्यादा न रुकें, रूट बदलकर करें गश्त
लोकसभा सीट पर निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान को यकीनी बनाने के मकसद से निगरानी के लिए भेजे गए अब्जर्वरों ने फ्लाइंग स्क्वायड टीमों के लिए नए आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी फ्लाइंग स्क्वायड की टीम एक जगह पर तीस मिनट यानि आधे घंटे से ज्यादा नहीं ठहरेगी। इसके अलावा वो रूट बदल-बदलकर गश्त करेंगी। जो इलाके संवेदनशील घोषित किए गए हैं, वहां लगातार गश्त करें। राजनीतिक दलों की रैलियों से पहले और बाद में वहां नजर रखें, ताकि वहां आए लोगों को अपने पक्ष में प्रभावित करने के लिए पैसा या फिर कोई गिफ्ट आदि न बांटे जा सकें।
सहायक रिटर्निंग अफसर बनाएं रूट
आयोग आब्जर्वरों ने फ्लाइंग स्क्वायड के रूट की जिम्मेदारी अब विधानसभा हलकों के सहायक रिटर्निंग अफसरों को सौंप दी है। फ्लाइंग स्क्वायड टीमें पूरे हलके को कवर करें और अलग-अलग रूटों पर जाएं, इसके लिए सहायक रिटर्निंग अफसरों को इनकी निगरानी भी करने को कहा गया है। हर हलके में चौबीसों घंटे 3-3 फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें घूमती हैं। जिन पर सहायक रिटर्निंग अफसर जीपीएस ट्रैकिंग के जरिए भी नजर रखेंगे।
यह कहते हैं आब्जर्वर
चार आब्जर्वरों ने चुनाव आयोग के भेजे चार आब्जर्वरों आई सैमुअल आनंद कुमार, पुलिस आब्जर्वर राजेश जैन व खर्चा आब्जर्वर प्रीति चौधरी व अमित शुक्ला ने कहा कि जालंधर लोकसभा हलका चुनाव खर्च के लिहाज से संवेदनशील घोषित किया गया है। इस लिए चुनाव के दौरान पैसे के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। रैलियों पर भी कड़ी निगाह रखनी होगी। फ्लाइंग स्क्वायड टीमों को ज्यादा प्रभावी बनाना होगा, इसके लिए अफसर खुद इसकी निगरानी करें।
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