जालंधर में कांग्रेस पार्षदों ने निगम कमिश्नर से मांगी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की स्टेटस रिपोर्ट, पूछा- अब तक कितना भुगतान हुआ
जालंधर के नगर नगिम पार्षदों ने पूछा है कि इस समय स्मार्ट सिटी कंपनी के कितने प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से एक कितने प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और कितने बंद पड़े हैं इसकी विस्तृत जानकारी दें।
जागरण संवाददाता जालंधर। कांग्रेस के पार्षदों ने सोमवार को नगर निगम कमिश्नर दीपशिखा शर्मा से मुलाकात करके स्मार्ट सिटी योजना के सभी प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। पार्षदों ने पूछा है कि इस समय स्मार्ट सिटी कंपनी के कितने प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से एक कितने प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और कितने बंद पड़े हैं इसकी विस्तृत जानकारी दें।
पार्षद गुरविंदर सिंह बंटी नीलकंठ, मनमोहन सिंह राजू, पवन कुमार, मनजीत कौर, तरसेम सिंह और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने निगम कमिश्नर से अपील की है कि वह यह भी जानकारी उपलब्ध करवाएं कि अब तक किस-किस काम के लिए किस-किस ठेकेदार को कितना भुगतान हुआ है। गत सप्ताह भी इन पार्षदों ने निगम कमिश्नर से मुलाकात करके स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाने की मांग की थी और कहा था कि स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट की जानकारी उन सभी पार्षदों को होनी चाहिए जिनके इलाकों में यह काम हो रहे हैं।
बता दें कि जालंधर में इस समय करीब एक हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हो रहे हैं।इनमें पुलिस के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, प्रसिद्ध बर्ल्टन पार्क में स्पोर्ट्स हब प्रोजेक्ट, 120 फुटी रोड का स्टार्म सीवरेज प्रोजेक्ट, शहर भर में एलईडी लाइट्स, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बायो माइनिग, ग्रीन एरिया डेवलपमेंट व मिट्ठापुर में स्टेडियम के निर्माण के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
वर्ष की शुरूआत में केंद्र सरकार की ओर जारी रैंकिंग में जालंधर को देश भर में 100 नगरों में 11वां स्थान मिला था। जबकि पिछले वर्ष जालंधर की रैंकिंग 86 थी। तब पूर्व कमिश्नर करणेश शर्मा ने बताया था कि महानगर में एक हजार करोड़ में से 900 करोड़ के प्रोजेक्ट निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।
यूं बदलेगी महानगर की सूरत
कमांड और कंट्रोल सेंटर प्रोजेक्ट शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए अहम है। इसमें शहर भर में महत्वपूर्ण स्थानों पर 1250 कैमरे लगाए जाएंगे। इससे अपराधियों पर नजर रहेगी। बायोमाइनिग प्रोजेक्ट से वरियाणा डंप के आसपास के इलाकों को राहत मिलेगी। 40 साल से डंप पर जमा कूड़े को खत्म करने से इलाके में बीमारियां खत्म होंगी। स्पोर्ट्स हब बनने से शहर को एक नई पहचान मिलेगी और युवाओं को खेलों से जोड़ा जाएगा।