हाउस में विपक्ष से निपटने के लिए बुलाई बैठक, मेयर के सामने खुद ही भिड़ गए कांग्रेस पार्षद
आज होने वाली नगर निगम हाउस की बैठक से पहले मेयर ने विपक्ष से निपटने की रणनीति बनाने के लिए बैठक बुलाई लेकिन उसमें कांग्रेस पार्षद खुद ही उलझ गए।
जागरण संवाददाता, जालंधर : आज होने वाली नगर निगम हाउस की बैठक से पहले मेयर ने विपक्ष से निपटने की रणनीति बनाने के लिए बैठक बुलाई लेकिन उसमें कांग्रेस पार्षद खुद ही उलझ गए। उनमें हाथापाई की नौबत आ गई। साथी पार्षदों ने बीच-बचाव कर रोका। विवाद हाउस के एजेंडे पर चर्चा करते हुए हुआ। सुपर सक्शन मशीन के टेंडर को लेकर वार्ड 75 की पार्षद अनीता अंगुराल के पति व कांग्रेस नेता बलबीर अंगुराल ने सवाल खड़ा कर दिया।
मशीन से सभी वार्डों के बजाय गिने-चुने वार्डों में ही सफाई करने पर एतराज जताया। उनके सवाल का जब वाटर सप्लाई एंड सीवरेज डिस्पोजल कमेटी के चेयरमैन पवन कुमार जवाब देने लगे तो अंगुराल और पवन कुमार में तल्खी हो गई। दोनों इतने तैश आ गए कि तीखी बहस करते हुए दोनों एक दूसरे की तरफ लपके। बीचबचाव के लिए मनमोहन राजू, शमशेर खैहरा, जगजीत जीता, अवतार सिंह, जगदीश समराए, राजविदर राजा व विजय दकोहा आगे आ गए। उन्होंने दोनों को समझा-बुझाकर पीछे किया। बैठक में बड़ी गिनती में महिला पार्षद भी मौजूद थी। माहौल बिगड़ने के बाद मीटिग ज्यादा लंबी नहीं चल पाई।
मेयर जगदीश राजा ने कहा कि दोनों नेता ही विकास पर बात कर रहे थे और गलतफहमी के कारण बहस हो गई। अब सब ठीक है। वीरवार को दोपहर 11 बजे रेडक्रास भवन में हाउस की बैठक होगी। इसमें 2000 मुलाजिमों की भर्ती, विकास कार्यों समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की जानी है। कई मुद्दों को लेकर विपक्ष पहले ही हमलावर है लेकिन सत्ता पक्ष में जिस तरह के मतभेद उभर रहे हैं उससे हाउस में मेयर जगदीश राजा के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। ----------
एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट पर कांग्रेसियों ने एतराज जताया
अकाली-भाजपा सरकार के समय शुरू हुए एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट को रद करके शुरू किए मौजूदा प्रोजेक्ट पर अब कांग्रेस के पार्षद ही उंगली उठाने लगे हैं। प्री-मीटिग में यह मामला खूब उछला। विपक्ष इस पर पहले ही सवाल खड़ा कर चुका है। ऐसे में विपक्ष को अब सत्ता पक्ष का भी साथ मिल रहा है। कई पार्षदों ने यह मुद्दा उठाया कि शहर में 70 प्रतिशत से ज्यादा एलईडी लाइट लगने का दावा किया जा रहा है लेकिन हर वार्ड से यही शिकायत आ रही है कि लाइट्स नहीं लगी हैं। ज्यादातर पार्षद इस प्रोजेक्ट के खिलाफ नजर आ रहे हैं। ठेका कंपनी अभी तक कंट्रोल रुम भी तैयारी नहीं कर पाई। जिन इलाकों में लाइट्स लगी हैं वहां पर लाइटें जल्द खराब होने की शिकायतें आ रही हैं और शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। तय किया गया कि हाउस में यह मांग रखी जाएगी कि ठेका कंपनी जिस वार्ड में काम पूरा कर रहा है उस वार्ड के पार्षद से सर्टीफिकेट ले तभी काम पूरा माना जाएगा।
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फागिग में लापरवाही पर भी भड़के पार्षद
बैठक में फागिग का मुद्दा भी काफी गर्म रहा। शहर में डेंगू के केस बढ़ रहे हैं लेकिन फागिग नहीं हो पा रही है। कई पार्षदों ने शिकायत की कि नगर निगम के तय किए गए शेड्यूल का समय निकल चुका है लेकिन उनके वाडों में अभी तक टीम नहीं पहुंची है। कई पार्षद यह शिकायत भी कर रहे हैं कि वार्ड क्षेत्र में सिर्फ 10 से 15 मिनट ही गाड़ी आती है। 15 से 20 कालोनियों के बजाय दो तीन कॉलोनियों में ही काम हो पाता है। पार्षद मांग कर रहे हैं कि फागिग के लिए जिम्मेवारी तय की जाए।
----------- ट्रैक्टर-ट्रालियों को टेंडर बढ़ाने पर एतराज
पार्षदों ने कूड़ा उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियां के ठेके पर भी एतराज जताया है। 80 वार्डों और मेन रोड के लिए 24 ट्रैक्टर ट्रालियां किराए पर ली गई हैं। इन्हें विधानसभा हलकों में बांटा गया हैं। कई पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्ड क्षेत्र में कूड़ा उठाने के लिए ट्रक्टर-ट्रालियां नहीं आ रही। टेंडर का समय खत्म होने पर समय बढ़ाने पर भी एतराज जताया है। हालांकि निगम की मजबूरी है कि अगर टेंडर का समय नहीं बढ़ता है तो शहर से कूड़ा लिफ्टिंग प्रभावित होगी। जिन इलाकों में निगम की मशीनरी नहीं जाती वहां पर यह ट्रैक्टर ट्रालियों की ड्यूटी लगाई गई है। कुछ पार्षदों को यह एतराज भी है कि नया टेंडर पूरे शहर के लिए एक साथ लगाया गया है जबकि पहले विधानसभा हलकों के हिसाब से टेंडर लगाए गए थे।