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जालंधर में सीएनजी भी अब डीजल जैसी महंगी, शहर से दूर देहात क्षेत्रों में 86 रुपये प्रति किलो में मिलती है गैस

जालंधर ग्रामीण क्षेत्र में सीएनजी वितरण कर रही कंपनी के मुताबिक एपीएम तीन गुना महंगा होने की वजह से सीएनजी की कीमत 86 रुपये प्रति किलो जा पहुंची है। हालांकि कंपनी के भोगपुर एवं मलसियां में खोले गए अपने पंप पर कीमत दो रुपये कम है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 02:56 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 02:56 PM (IST)
जालंधर में सीएनजी भी अब डीजल जैसी महंगी, शहर से दूर देहात क्षेत्रों में 86 रुपये प्रति किलो में मिलती है गैस
जालंधर शहर अभी सीएनजी की आपूर्ति नहीं होती है। वाहन चालकों को देहात क्षेत्रों में जाना होता है।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। पेट्रोल के बाद अब शतक लगाने के लिए डीजल और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की कीमतों में दौड़ लगती दिख रही है। महानगर में डीजल की कीमत 93.27 रुपये प्रति लीटर है तो जालंधर ग्रामीण क्षेत्र में सीएनजी का मूल्य 86 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा है। बता दें कि जालंधर शहर के भीतर सीएनजी का वितरण संभव नहीं हो पा रहा है और जालंधर ग्रामीण क्षेत्र में सीएनजी वितरण के लिए अधिकृत कंपनी थिंक गैस की तरफ से 7 पंप खोले जा चुके हैं।

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जालंधर शहरी क्षेत्र के लिए तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से निजी कंपनी जय मधोक को अधिकृत किया गया था लेकिन कंपनी मात्र एक पंप से ज्यादा अपना नेटवर्क ही नहीं बढ़ा सकी। कंपनी के पास एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइस मैनेजमेंट (एपीएम) के तहत नियंत्रित मूल्य पर सीएनजी खरीदने के अधिकार ही नहीं थे। इस वजह से कंपनी बाजार से गैस खरीद कर जालंधर ट्रकों में पहुंचा रही थी। इस प्रक्रिया में लंबा समय लग रहा था। सीएनजी की कीमत भी महंगी रहती थी और कई दिन तक पंप के ऊपर गैस उपलब्ध नहीं हो पाती थी।

आखिरकार कंपनी ने इकलौते पंप पर भी सप्लाई बंद कर दी और उसके बाद बीते लगभग दो वर्ष से सप्लाई शुरू ही नहीं हो पाई। जालंधर ग्रामीण क्षेत्र में सीएनजी वितरण कर रही कंपनी के मुताबिक एपीएम तीन गुना महंगा होने की वजह से सीएनजी की कीमत 86 रुपये प्रति किलो जा पहुंची है। हालांकि कंपनी के भोगपुर एवं मलसियां में खोले गए अपने पंप पर कीमत दो रुपये कम है।

जालंधर में तीन थ्री व्हीलर चालक परेशान

महानगर में तीन के लगभग थ्री व्हीलर सीएनजी चालित हैं जिन्हें गैस भरवाने के लिए जालंधर से बाहर लगभग 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। महानगर में ढाई सौ के लगभग निजी वाहन भी सीएनजी चालित थे लेकिन वह भी सामान्य प्रयोग के लिए अब अन्य ईंधन के ऊपर स्विफ्ट हो चुके हैं। सीएनजी चालित थ्री व्हीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि थ्री व्हीलर चालक महानगर में गैस उपलब्ध न होने की वजह से पूरी तरह से परेशान हैं। गैस खरीदने के लिए 20 किलोमीटर आना जाना और ऊपर से महगी गैस खरीदना मुनाफे को कम कर रहा है और बैंकों की किस्ते दे पाना भी संभव नहीं रहा है। प्रशासन को अति शीघ्र शहर के भीतर सीएनजी वितरण शुरू करवाना चाहिए।


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