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जालंधर में 59 साल की सिविल सर्जन ने चलाई साइकिल, स्ट्रोक से बचने का दिया संदेश

स्ट्रोक से पहले शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं और वो कौन से प्रयास हैं जो स्ट्रोक के खतरे को टाल सकते हैं। इसी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वीरवार को साइकिल रैली निकाली गई।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:19 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 03:19 PM (IST)
जालंधर में 59 साल की सिविल सर्जन ने चलाई साइकिल, स्ट्रोक से बचने का दिया संदेश
सिविल सर्जन जालंधर गुरिंदर कौर चावला ने साइकलिस्टों के साथ करीब 10 किमी का चक्कर लगाया। (जागरण)

जालंधर, जेएनएन। ‘स्ट्रोक’ को आम भाषा में लकवा या अधरंग भी कहते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसे कुछ प्रयासों से बहुत हद तक टाला जा सकता है। स्ट्रोक से पहले शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं और वो कौन से प्रयास हैं, जो स्ट्रोक के खतरे को टाल सकते हैं। इसी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वीरवार को साइकिल रैली निकाली गई। सिविल सर्जन डा. गुरिंदर कौर चावला ने रैली की शुरुआत की। उन्होंने साइकलिस्टों के साथ करीब 10 किमी का चक्कर लगा शहरवासियों को स्वस्थ रहने का संदेश दिया।

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रैली का आयोजन शहर के साइक्लिंग क्लब हॉक राइडर्स और अन्य साइकलिस्टों के सहयोग से किया गया। रैली सिविल सर्जन दफ्तर से शुरू हुई और ज्योति चौक, नकोदर चौक, गुरु नानक मिशन चौक, मिल्क बार चौक, मॉडल टाउन शिवानी पार्क, गुरु नानक मिशन चौक, बीएमसी चौक, कंपनी बाग चौक होते हुए सिविल सर्जन दफ्तर में ही समाप्त हुई।

इससे पहले, सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर कौर चावला, जिला परिवार भलाई अफसर डॉ. रमन गुप्ता, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. ज्योति शर्मा और जिला सूचना अफसर किरपाल सिंह झल्ली ने साइकिल रैली की रस्मी शुरूआत की। सिविल सर्जन डॉ. चावला ने इस अवसर पर कहा कि लाइफस्टाइल में बदलाव, ज्यादा तनाव, स्मोकिंग, तंबाकू सेवन और मोटापा समेत कई ऐसे कारण हैं जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपनी आदतें बदलें और कसरत पर ज्यादा जोर दें।

सात साल की उम्र के बच्चों ने साइकिल रैली में लिया हिस्सा

रैली में हर आयु के लोगों ने हिस्सा लिया। साठ साल के होने जा रहीं सिविल सर्जन डॉ. चावला ने साइकिल रैली की अगुआई कर एक उदाहरण पेश किया। दूसरी ओर इसमें सात और नौ साल के छोटे बच्चों ने भी अभिभावकों के साथ भागीदारी की। बड़ी संख्या में लड़कियों ने भी हिस्सा लेकर यह संदेश दिया कि साइक्लिंग और व्यायाम सभी के लिए बेहद जरूरी है।

ये क्लब और सदस्य रहे शामिल

हॉक राइडर्स साइक्लिंग क्लब के प्रेसीडेंट रोहित शर्मा अपने साथियों के साथ रैली में शामिल हुए। उनके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के मास मीडिया विंग से बीईई नीतिराज बी सिंह, चंदन मिश्रा, पीसीपीएंडडीटी को-ऑर्डिनेटर दीपक कुमार, अनिल कुमार, अजय कुमार, पवन कुमार, रमेश कुमार आदि मौजूद रहे।

साइक्लिंग शरीर तंदरुस्त रखने और मोटापा कम करने का कारगर उपाय

उन्होंने कहा कि साइक्लिंग शरीर को तंदरुस्त रखने और मोटापा कम करने का सबसे कारगर उपाय है। इससे फेफड़ों को मजबूती मिलती जो कोरोना से लड़ने में भी मददगार है। उन्होंने रैली में शामिल हुए साइक्लिंग क्लब के सदस्यों का धन्यवाद किया। लोगों से अपील की कि वे रोजाना कसरत करने की आदत बनाएं। इससे कई बीमारियों होने का खतरा कम होता है।

ये लक्षण दिखें, तो तुरंत करवाएं डॉक्टरी जांच

यदि किसी व्यक्ति का चेहरा हंसते वक्त एक तरफ से बेजान सा दिखाई दे या चेहरे का एक हिस्सा सुन्न पड़ जाए तो अधरंग का खतरा हो सकता है। उसकी हंसी में भी अजीब सी असमानता नजर आती है। कई बार हंसते वक्त मुंह टेढ़ा लगता है। व्यक्ति से दोनों हाथ उठाने के लिए कहें। अगर उसके हाथ कमजोर या सुन्न लग रहे हैं तो मामला गंभीर हो सकता है। हाथों के बीच खराब बैलेंस या उनका नीचे की तरफ ढलना स्ट्रोक की तरफ इशारा करता है। यदि किसी व्यक्ति को बोलने में दिक्कत हो रही है या वह शब्दों का सही उच्चारण नहीं कर पा रहा है तो ये स्ट्रोक से जुड़ी समस्या हो सकती है। ऐसे व्यक्ति को कोई साधारण वाक्य बोलने के लिए कहें। अगर वह उसका सही उच्चारण नहीं कर पा रहा है तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं।


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