सिविल अस्पताल का आक्सीजन प्लांट ठंडे बस्ते में, कोरोना के मरीज बढ़ तो होगी बड़ी मुश्किल
सिविल अस्पताल जालंधर में लगने वाले प्लांट में रोजाना करीब 1500 सिलेडंरों की क्षमता के बराबर आक्सीजन तैयार कर सप्लाई देने का लक्ष्य है। विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट पर करीब सवा करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।
जालंधर, जेएनएन। सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। सेहत विभाग ने कोरोना काल के दौरान आक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए आक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया था। ये प्लांट जालंधर, लुधियाना, अमृतसर और पटियाला में लगने हैं। स्वास्थ्य विभाग ने करीब 2 महीने पहले सिविल अस्पताल परिसर में आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन को कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने को कहा था। अस्पताल की ओर से रिपोर्ट तैयार कर देने के बावजूद प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
जानकारों के मुताबिक आने वाले एक महीने के अंदर कोरोना के मरीजों की दोबारा संख्या बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में अस्पताल को आक्सीजन की किक्लत का सामना करना पड़ सकता है। अस्पताल में लगने वाले प्लांट में रोजाना करीब 1500 सिलेडंरों की क्षमता के बराबर आक्सीजन तैयार कर सप्लाई देने का लक्ष्य है। विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट पर करीब सवा करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। प्लांट स्थापित होने के बाद अस्पताल को आक्सीजन सिलेंडर भरवाने की समस्या से निजात मिलेगी। फिलहाल, सिविल अस्पताल में रोजाना 150 से 200 सिलेंडर की डिमांड है।
दिवाली के बाद काम शुरू होने की संभावना
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. मनदीप कौर का कहना है कि उन्होंने आक्सीजन प्लांट लगाने की सहमति व्यक्त कर विभाग को रिपोर्ट भेज दी थी। विभाग के आला अधिकारियों ने जल्द ही काम शुरू करवाने का आश्वासन दिया है। उधर, पंजाब हेल्थ सिस्टम के एक्सईएन सुखचैन सिंह ने बताया कि आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए विभाग की ओर से टेंडर लगाए थे। इसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब वर्क आर्डर जारी किए जाएंगे। टीम की ओर से प्लांट लगाने के लिए जगह फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दिवाली के बाद काम शुरू होने की संभावना है।
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