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धर्म क्षेत्रः गीता मंदिर में महाभारत और बार-बार पलटी मारने वाले नेता जी

जालंधर में धार्मिक संस्थाओं से जुड़ी चर्चित घटनाओं पर आइए डालते हैं एक नजर।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 01:41 PM (IST)
धर्म क्षेत्रः गीता मंदिर में महाभारत और बार-बार पलटी मारने वाले नेता जी
धर्म क्षेत्रः गीता मंदिर में महाभारत और बार-बार पलटी मारने वाले नेता जी

जालंधर, जेएनएन। शहर के लोग धार्मिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। हालांकि धर्म क्षेत्र से जुड़ी कई चर्चित बातें उन तक नहीं पहुंच पाती हैं। इन्हीं में कुछ चुनिंदा खबरों को आपके लिए संजोया है हमारे संवाददाता शाम सहगल ने। आइए, डालते हैं एक नजर।

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गीता मंदिर में महाभारत

मॉडल टाउन स्थित प्रसिद्ध गीता मंदिर का विवादों से नाता टूट नहीं रहा है। मंदिर कमेटी के चुनाव को लेकर प्रबंधकों का महाभारत अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं कि अब पंडितों ने यजमानों को लेकर युद्ध छेड़ दिया है। जी हां, यजमानों के बंटवारे को लेकर हाल ही में मंदिर में खूब हो हल्ला रहा। इस बार यह विवाद उस पंडित ने किया है, जिसे कमेटी ने लंबे समय से से बाहर का रास्ता दिखा रखा था। भगवान का घर है तो वहां पर आने से किसी को रोका तो जा नहीं सकता। ऐसे में बाहर निकाले गए पंडित जी माथा टेकने के बहाने मंदिर में आकर रोजाना यजमानों से साठगांठ करने लगे। अब यजमानी भी है तो दुकानदारी ही है। अपने धंधे पर झपटमारी होती देख मंदिर में सेवाएं दे रहे पंडितों ने इसका विरोध किया तो मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गया। बात हाथापाई से लेकर पुलिस चौकी तक पहुंच गई। आखिरकार पंडित जी को चेतावनी देकर केवल माथा टेकने तक सीमित रहने का फरमान जारी किया गया।

आम के आम गुठलियों के दाम

बात हाल ही में शेखां बाजार में हुई माता की सात दिवसीय चौकी से जुड़ी है। इसमें पंडाल सजाने को लेकर कमेटी सदस्य आमने-सामने हो गए थे। दरअसल, दो पदाधिकारी अपने-अपने नजदीकियों को साजसज्जा से लेकर अन्य कामों का ठेका दिलवाना चाहते थे। फिर क्या था, तैयारियों को लेकर होने वाली हर बैठक में इस पर अधिक चर्चा होती। एक बार तो समारोह के प्रचार नहीं, बल्कि सुसज्जित करने को लेकर समाचारपत्र में विज्ञापन देने पर सहमति बन गई। फिर शुरु हुआ मोलभाव करने का दौर। आखिरकार, वही सफल हुआ जो सबसे सस्ते में काम की जुर्रत रखता था। इससे किसी का अहम प्रभावित हुआ हो या ना लेकिन आयोजकों को आम के आम गुठलियों के दाम जरूर मिले। कम दाम में बेहतर आयोजन को लेकर आयोजक उत्साहित दिखे।

आस्था की मिसाल

एक तरफ जहां धार्मिक संस्थानों में कमेटियों के गठन से लेकर कैश तथा आयोजनों को लेकर छोटी-छोटी बातों पर विवाद खड़े होते रहते हैं, वहीं पर उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र से शहर में पहुंचे संजीव रावत ने आस्था की मिसाल कायम कर सबकी आंखे खोल दी हैं। मन्नत पूरी होने पर परिवार के 200 सदस्यों को लेकर उत्तर प्रदेश से पंजाब के एकमात्र सिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरमालिनी के दरबार पहुंचे संजीव रावत ने श्री देवी तालाब मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर मां त्रिपुरमालिनी के दरबार को फूलों से सुसज्जित कर दिया। जिसे देख कर श्रद्धालु ही नहीं हर कोई हैरान रह गया। फिर शुरू हुआ इस सुंदर सजे भवन के साथ तस्वीरें करवाने का दौर। देखते ही देखते जिले भर से श्रद्धालु इस नजारे का दीदार करने को पहुंचने लगे। इसकी चर्चा दूर-दूर तक रही।

मिस्टर पलटू राम

कुछ नेता ऐसे होते हैं जिन्हें समाज के लिए कार्यों के कारण हमेशा याद किया जाता है। कुछ ऐसे भी नेता हैं जिन्हें लोग सिर्फ उनके कारनामों के कारण ही जानते हैं। शहर के दो नेता इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। कभी रेफरेंडम 2020 का विरोध, तो कभी आतंकवाद तथा हिंदुत्व का नारा बुलंद करने वाले शिवसेना के इन दो नेताओं ने पलटी मारने में सबको पछाड़ दिया है। इन्होंने दो माह में तीन पार्टियां बदली हैं, हालांकि इनका बैनर एक ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि आगे से पंजाब, हिन्द व समाजवादी का टैग हटता रहा है। खास बात यह है कि नेता जी इन दिनों नई पार्टी की में उसकी नीतियों से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में फिर से दोनों ने हिंदुत्व का पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। अब सबकी नजरें इनकी अगली पलटी पर लगी हुई हैं।

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