अंधेरे का राज रहेगा कायम...शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाने का ठेका गया खाली Jalandhar News
मंगलवार को टेंडर ओपन किया जाना था लेकिन सिर्फ दो ही ठेकेदारों ने इसमे रूचि दिखाई। स्मार्ट सिटी ने फिर टेंडर लगा दिया है और अब यह 14 दिन बाद खुलेगा।
जालंधर, जेएनएन। शहर की सड़कों पर अभी कुछ दिन और अंधेरे का राज और कायम रहेगा। मौजूदा सोडियम स्ट्रीट लाइट को एलइडी स्ट्रीट लाइट्स से बदलने के टेंडर के लिए सिर्फ दो ठेकेदारों ने बिड दाखिल की थी जिस कारण अब टेंडर दोबारा लगाना पड़ेगा। टेंडर तभी ओपन होगा जब तीन ठेकेदार इसमें शामिल होंगे। मंगलवार को टेंडर ओपन किया जाना था लेकिन सिर्फ दो ही ठेकेदारों ने इसमे रूचि दिखाई। स्मार्ट सिटी ने फिर टेंडर लगा दिया है और अब यह 14 दिन बाद खुलेगा। अगर दोबारा भी तीन ठेकेदार काम के लिए आगे नहीं आते हैं तो तीसरी बार टेंडर लगाया जाएगा। तीसरी बार टेंडर लगाने पर अगर एक ठेकेदार भी काम के लिए आगे आता है तो यह टेंडर अलॉट किया जा सकता है।
स्मार्ट सिटी कंपनी के 50 करोड़ रुपये के एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट के तहत शहर में 70 हजार से ज्यादा लाइटें बदली जानी हैं। एलइडी लाइट्स लगने के बाद नगर निगम का बिजली का बिल 20 करोड़ रुपये सालाना से घटकर सात से आठ करोड़ रुपये के बीच रह जाएगा। इस समय शहर में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था चरमराई हुई है। पिछले दो साल में शहर के कई इलाकों में लाइट्स बंद हैं। मेंटेनेंस के ठेकेदार ठीक तरह से काम नहीं कर रहे हैं। हर साल करीब चार करोड़ रुपये मेंटेनेंस पर खर्च किए जाते हैं।
रंगला वेहड़ा और कंपनी बाग की पार्किंग का ठेका आज होगा फाइनल
जालंधर। नगर निगम की पार्किंग ठेके के टेंडरों में से सिर्फ दो साइट्स के लिए तीन ठेकेदार ही आगे आए हैं। नीलामी के लिए जरूरी है कि कम से कम तीन ठेकेदार हों। रंगला वेहड़ा और कंपनी बाग की पार्किंग के लिए तीन-तीन ठेकदारों ने बिड दाखिल की है। दोनों साइट्स के तीन-तीन ठेकेदारों में अब बुधवार को ऑनलाइन बोली करवाई जाएगी। जो ज्यादा रेट देगा उसे पार्किंग साइट्स का तीन साल का ठेका मिल जाएगा।
निगम ने 25 पार्किंग साइट्स की नीलामी करनी है। 23 साइट्स के लिए एक-एक या दो-दो ठेकेदारों ने ही कागज भरे हैं। नीलामी के लिए कम से कम तीन ठेकेदार तो होने ही चाहिए, इसलिए इन 23 साइट्स की नीलामी के लिए दोबारा टेंडर लगाया जाएगा।
शहर में पार्किंग माफिया सक्रिय
शहर में इस समय पार्किंग माफिया सक्रिय है। दैनिक जागरण में यह मामला उठने के बाद माफिया अंडरग्रांडड हो गया है। अगर निगम की पार्किंग साइट्स नहीं चढ़ती है तो माफिया फिर सक्रिय हो सकता है। भगवान वाल्मिकी चौक के पास रंगला वेहड़ा की पार्किंग और दुकानों की साइट्स और कंपनी बाग चौक में अंडर ग्राउंड पार्किंग के लिए बिड आई हैं। इनके दस्तावेजों की जांच चल रही है। नगर निगम की पार्किंग साइट्स से निगम को 3.50 करोड़ सालाना आय हो सकती है। इससे ट्रैफिक सिस्टम भी ठीक होगा।