जालंधर के आर्य समाज मंदिर में यज्ञ को संसार का सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया
जालंधर में पुरोहित धर्मेंद्र विद्यालंकार ने कहा कि भले ही दहेज प्रथा कानूनन बंद है लेकिन यह आज भी समाज में व्यापक रूप से प्रचलित है। इस कुप्रथा के कारण न जाने कितने परिवारों की जायदाद तक बिक जाती है। हमें इसे जड़ से खत्म करना होगा।
जालंधर, जेएनएन। रविवार को आर्य समाज मंदिर शहीद भगत सिंह नगर में साप्ताहिक यज्ञ में मुख्य यजमान श्री वेद और जगदीश भाटिया ने आहूति डाली। आर्य समाज के पुरोहित धर्मेंद्र विद्यालंकार ने यज्ञ संपन्न करवाया। प्रिया मिश्रा ने यज्ञ की प्रार्थना करवाई। आर्य समाज के महामंत्री हर्ष लखन पाल व रवि पौडवाल ने प्रभु भक्ति के भजन सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर पुरोहित धर्मेंद्र विद्यालंकार ने कहा कि भले ही दहेज प्रथा कानूनन बंद है लेकिन यह आज भी समाज में व्यापक रूप से प्रचलित है। इस कुप्रथा के कारण न जाने कितने परिवारों की जायदाद तक बिक जाती है। न जाने कितनी बेटियां अपनी जान दे देती हैं। कई को मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं। मुख्य वक्ता हरि मंगल त्रिपाठी ने कहा कि यह सारा संसार यज्ञमयी है। शास्त्रों में यज्ञ को विष्णु यानी सर्वव्यापक कहा गया है। यज्ञ की व्यापकता को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता। यज्ञ ही संसार का श्रेष्ठतम कर्म है।
यज्ञ के मौके पर आर्य समाज के प्रधान रणजीत आर्य, भूपेंद्र उपाध्याय, चौधरी हरिश्चंद्र, सुनीत भाटिया, डिंपल भाटिया, रहमत भाटिया, रूहानी भाटिया, प्रवीण लखन पाल, विजय चावला, सुरेंद्र खन्ना, रेवा खन्ना, अशोक कुमार धीर, मोनिका अरोड़ा, पारुल वाधवा, नरेंद्र गुप्ता, मधु गुप्ता,अनीता अरोड़ा, कुबेर शर्मा, अनिल मिश्रा, अर्चना मिश्रा, नीतू, मंजू देवी, अमित सिंह, रिषु सुद, सुनीता कौशिक, सुभाष कौशिक, खुशबू मिश्रा व अन्य उपस्थित हुए।