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भाजपा की लड़ाई में उलझेगा अकाली दल, सांपला और मलिक गुट के कारण बढ़ी मुश्किलें

पंजाब में भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक से नाराज नेताओं ने मिशन मोदी की बागडोर संभाल ली है और अलग मंच खड़ा कर लिया। अब लड़ाई भाजपा बनाम मिशन मोदी हो गई है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 05:41 PM (IST)
भाजपा की लड़ाई में उलझेगा अकाली दल, सांपला और मलिक गुट के कारण बढ़ी मुश्किलें
भाजपा की लड़ाई में उलझेगा अकाली दल, सांपला और मलिक गुट के कारण बढ़ी मुश्किलें

जालंधर [जगजीत सिंह सुशांत]। नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए शुरू हुआ मिशन 'मोदी अगेन' राज्य में भाजपा के दो शीर्ष नेताओं में चल रही पॉलीटिक्स का शिकार हो गया है। 'मिशन मोदी पीएम अगेन' अभियान के अब तक पंजाब में 23 यूनिट बन चुके हैं। दस यूनिट बनना बाकी हैं। इनके अध्यक्ष भी घोषित किए जा चुके हैं। ज्यादातर अध्यक्ष वही नेता हैं, जिन्हें पांच माह पहले जिला या यूनिट अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।

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इन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने पंजाब भाजपा अध्यक्ष रहते हुए तैनात किया था। राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक ने अध्यक्ष बनते ही भाजपा के सभी 33 यूनिटों के अध्यक्ष बदल दिए थे। इन सभी को अध्यक्ष पद से पांच माह का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद हटाया गया। यह सभी सांपला के समर्थक हैं। पंजाब टीम में भी बड़ा बदलाव किया गया। पदों से हटाए गए सांपला समर्थक तब से घरों में बैठे थे। भाजपा में नई नियुक्तियां की गई और सांपला समर्थक इसमें किनारे किए गए।
 

नाराज नेताओं ने 'मिशन मोदी' की बागडोर संभाल ली और अलग मंच खड़ा कर लिया। अब लड़ाई भाजपा बनाम 'मिशन मोदी' हो गई है। इसका असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। पंजाब में लोकसभा की 13 सीटों में से 10 पर अकाली और 3 पर भाजपा चुनाव लड़ती है। अकाली-भाजपा की स्थिति कमजोर है। ऐसे में गुटबंदी से और नुकसान की आशंका रहेगी। अकाली दल के उम्मीदवारों के लिए यह चिंता रहेगी कि वह भाजपा से तालमेल करें या 'मिशन मोदी' से समर्थन लें। भाजपा के हिस्से अमृतसर, गुरदासपुर और होशियारपुर की सीटें हैं। इन सीटों पर मिशन मोदी की भूमिका भी अहम रहेगी, लेकिन तालमेल में मुश्किल बनी रहेगी। होशियारपुर में तो खुद विजय सांपला उम्मीदवार हो सकते हैं और ऐसे में श्वेत मलिक और विजय सांपला में आंतरिक रूप से सीधा मुकाबला होगा।

मिशन मोदी अगेन क्यों
 

नरेंंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए 'मिशन मोदी अगेन पीएम' का गठन संत डॉ. राम विलास दास वेदांती ने किया था। वह रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संत वेदांती ने साल 2018 में गठन के समय कहा था कि देश को विश्व गुरु बनाने के लिए नरेंद्र मोदी को 2019 में प्रधानमंत्री बनना जरूरी है। स्वच्छ भारत मिशन भी तभी निरंतर चलेगा। स्वच्छ भारत मिशन से देश के 85 फीसद गांव साफ हुए हैं।

घर बैठे भाजपाइयों को मिला मंच
 

'मिशन मोदी' के पंजाब अध्यक्ष डॉॅ. संजीव चौधरी ने कहा कि श्वेत मलिक ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद कई गलत फैसले लिए और वरिष्ठ पुराने नेताओं को घर बैठा दिया। इन नाराज नेताओं को अब मिशन मोदी से काम करने का मंच मिल गया है। श्वेत मलिक के फैसले उनके हिसाब से ठीक हो सकते हैं, लेकिन पार्टी में नए आए नेताओं और कमजोर हाथों में कमान देना भी ठीक नहीं है। 'मिशन' मोदी से भाजपा को भी इससे चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि दोनों का मकसद एक ही है। मिशन मोदी ज्यादा मजबूत रहेगा, क्योंकि इसमें वे नेता हैं जो भाजपा का आधार रहे हैं। इसमें विजय सांपला को कोई रोल नहीं है। पूरे देश में मिशन मोदी चल रहा है। ज्यादातर भाजपा नेताओं को जिम्मेवारी देना भी गलत नहीं है, क्योंकि यह अभियान भाजपा का ही हिस्सा है। जहां भाजपा है वहां मोदी हैं और जहां मोदी हैं वहां भाजपा है।

शिअद के लिए परेशानी

शिरोमणि अकाली दल के लिए परेशानी है कि वह मिशन मोदी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ चलाता है तो मलिक गुट नाराज हो जाता है और यदि मलिक गुट के नेताओं व कार्यकर्ताओं को साथ चलाते हैं तो सांपला गुट नाराज हो सकता है। ऐसे में शिअद के लिए भी परेशानी खड़ी हो रही है। भाजपा के शीर्ष नेता इस पर खुल कर कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन अंदरखाते कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है। शिअद के जिला अध्यक्ष कुलवंत सिंह मन्नण का कहना है कि हमें जहां से भी समर्थन मिलेगा, हम लेंगे। अगर बीजेपी को अलग मंच से आपत्ति हुई तो हम बीजेपी के साथ ही चलेंगे।

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