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RTA दफ्तर के कर्मचारी का कारनामा, डेढ़ घंटा पहले ही बंद कर दी चालान खिड़की Jalandhar News

बंटी नामक यह कर्मचारी पहले भी उस वक्त विवादों में आया था जब चेकिंग के दौरान उसके खुद ही चालान काटने का पता चला था।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 08:55 AM (IST)
RTA दफ्तर के कर्मचारी का कारनामा, डेढ़ घंटा पहले ही बंद कर दी चालान खिड़की Jalandhar News
RTA दफ्तर के कर्मचारी का कारनामा, डेढ़ घंटा पहले ही बंद कर दी चालान खिड़की Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। असुविधाओं के लिए बदनाम आरटीए दफ्तर के कर्मचारी का एक और कारनामा सामने आया है। यहां चालान खिड़की पर तैनात मुलाजिम आरटीए की सेक्रेटरी डॉ. नयन जस्सल के साथ चैकिंग पर जाने की बात कहकर दोपहर 12 बजे ही काउंटर बंद करके चला गया। हालांकि चालान जमा करवाने का समय डेढ़ बजे तक होता है। मुलाजिम के डेढ़ घंटा पहले ही चले जाने के कारण वहां चालान जमा करवाने आए लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा।

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चालान जमा करवाने आए लोगों ने बताया कि चालान खिड़की पर तैनात बंटी नामक मुलाजिम के चले जाने के बाद वहां कोई दूसरा मुलाजिम भी नहीं तैनात किया गया था। आरटीए के दफ्तर में चालान के दो काउंटर हैं। एक तरफ पुलिस कमिश्नरेट के थाना एक से आठ तक के चालान भुगते जाते हैं जबकि दूसरे काउंटर पर ट्रैफिक पुलिस व देहात पुलिस के काटे चालान भरे जाते हैं। चालान जमा कर अपना दस्तावेज छुड़ाने का समय सुबह नौ से डेढ़ बजे तक का है। सोमवार को भी इसी नियम का पालन किया जाना चाहिए था लेकिन यहां तैनात बंटी नामक कर्मचारी 12 बजे ही सीट से उठकर चला गया। चालान जमा करने पठानकोट बाईपास से आए ङ्क्षप्रस ने कहा कि इतनी दूर से यहां पहुंचा तो चालान की खिड़की बंद पड़ी थी। वह काफी देर तक खटखटाता रहा लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई।

पहले भी आया विवादों में

बंटी नामक यह कर्मचारी पहले भी उस वक्त विवादों में आया था, जब चेकिंग के दौरान उसके खुद ही चालान काटने का पता चला था। उस वक्त आरटीए की सेक्रेटरी भी वहां मौजूद थीं लेकिन उनका काम यह कर्मचारी बंटी ही कर रहा था। हालांकि इस मामले में कार्रवाई कोई नहीं हुई।

साहब से करो बात

इस बारे में जब कर्मचारी बंटी से बात की गई तो पहले तो उसने कहा कि काउंटर एक बजे बंद किया था। जब उसे पूछा गया कि समय डेढ़ बजे तक का है तो उसने कहा कि अफसरों का प्रोग्राम था, इसलिए मैं चला गया था। हालांकि बाद में वो नहीं बना। जब उससे फिर काउंटर न खोलने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है, साब से बात कर लो। इस बारे में आरटीए सेक्रेटरी डॉ. नयन जस्सल को फोन किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।

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