सिविल एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 2020 तक होगा तैयार, बारिश का पानी भरने से रुका काम Jalandhar News
हवाई जहाज में मुंबई तक की यात्रा के सपने को साकार करने के लिए दोआबा के यात्रियों को मार्च 2020 से भी इंतजार करना पड़ सकता है।
जालंधर, जेएनएन। उड़न खटोले में मायानगरी मुंबई तक की यात्रा के सपने को साकार करने के लिए दोआबा के यात्रियों को मार्च 2020 से भी इंतजार करना पड़ सकता है। दो बड़े विमानों एवं 300 के लगभग यात्रियों की क्षमता वाला सिविल एयरपोर्ट आदमपुर का नया टर्मिनल निर्माणाधीन है, लेकिन बरसात ने टर्मिनल के जारी निर्माण कार्य को बाधित कर दिया है।
टर्मिनल कंस्ट्रक्शन साइट के भीतर बारिश का पानी जमा हो गया है और चिकनी मिट्टी पर लेबर समेत ट्रकों के आवागमन को भी प्रभावित कर दिया है। मार्च माह में ही दिल्ली से तत्कालीन केंद्रीय उड्डयन राज्यमंत्री ने नए टर्मिनल के निर्माण का शुभारंभ किया था और मार्च 2020 तक निर्माण कार्य को निपटा लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
अभी डेढ़ माह रहेगी बरसात, धीमी होगी काम की रफ्तार
बीते सप्ताह ही दोआबा क्षेत्र में बरसात शुरू हुई है और आशा व्यक्त की जा रही है कि अगस्त माह के आखिर तक बारिश रह सकती है। मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर अगर बारिश लगातार होती है तो निर्माण कार्य की रफ्तार धीमी भी हो सकती है। सितंबर माह में ही काम पूरी रफ्तार से चलने की उम्मीद रहेगी, लेकिन अक्टूबर माह में ही फेस्टिव सीजन शुरू हो जाने के चलते लेबर की किल्लत भी रह सकती है।
बोइंग अथवा एयरबस किस्म के विमानों के लिए नया टर्मिनल जरूरी
आदमपुर से मुंबई जैसी सुदूरवर्ती डेस्टिनेशन तक पहुंच पाना बोइंग अथवा एयरबस किस्म के विमानों से ही संभव है। निर्माणाधीन टर्मिनल में दो बड़े विमान खड़े होने का एपरन किया जाना है और विमानों के अप्रैल तक पहुंचने के लिए चौड़ा टैक्सी ट्रैक भी बनाया जाना है। जब तक टर्मिनल तैयार नहीं हो जाता तब तक बड़े विमानों का संचालन आदमपुर सिविल एयरपोर्ट से किया जाना असंभव है।
पिछला अनुभव, एयरपोर्ट क्षेत्र में जल्द नहीं सूखता है बारिश का पानी
1 मई 2018 को आदमपुर सिविल एयरपोर्ट से पहली यात्री फ्लाइट आदमपुर दिल्ली सेक्टर में शुरू की गई थी और इसके लिए मेकशिफ्ट अरेंजमेंट के तहत लगभग 78 यात्रियों की क्षमता वाला एक छोटा टर्मिनल तैयार किया गया था जब निर्माण शुरू किया गया तो बारिश शुरू हो गई। बारिश की वजह से लंबे समय तक कार्य प्रभावित रहा था। वजह यह थी कि एयरपोर्ट क्षेत्र की मिट्टी की किस्म कुछ ऐसी थी, जिसमें पानी जल्द सूख ही नहीं रहा था। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने तमाम सरकारी अमला लगाकर किसी तरह से काम खत्म करवाया था। हालांकि निर्माणाधीन टर्मिनल पुराने टर्मिनल से कई गुना ज्यादा बढ़ा है और एपरन को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाया जाना है, जिसमें लंबा समय लग सकता है।
अभी तक जमीन के भीतर ही चल रहा काम
टर्मिनल निर्माण क्षेत्र पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि अभी तक नींव स्तर पर ही काम चल रहा है और कहीं-कहीं पिलर खड़े करने के लिए स्टील का स्ट्रक्चर बांधा जा रहा है। सिविल वर्क खत्म होने के बाद स्टील, ग्लास, सैनिटरी, फ्लोरिंग, सी¨लग जैसे कई काम निपटाए जाने होंगे, जिनमें लंबा समय लग सकता है।
आदमपुर-दिल्ली फ्लाइट फिर कैंसिल, यात्री हुए परेशान
जालंधर। आदमपुर से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट एयरलाइन की इकलौती फ्लाइट सोमवार को ऐन मौके पर तकनीकी कारणों से कैंसिल कर दी गई। फ्लाइट से दिल्ली तक की यात्रा करने वाले पैसेंजर एयरपोर्ट पर पहुंच चुके थे और उन्हें बोर्डिंग पास भी प्रदान कर दिए गए थे, लेकिन दो बजे के करीब यात्रियों को फ्लाइट के कैंसिल हो जाने के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई। फ्लाइल कैंसिल होने की सूचना बाद में देने से यात्रियों में खासी नाराजगी पाई जा रही है। लोगों को कहना है कि अगर फ्लाइट कैंसिल करनी थी तो इसकी सूचना उन्हें पहले दी जानी चाहिए थी, ताकि वे अन्य साधनों से अपनी यात्रा कर पाते।
बता दें कि फ्लाइट बाद दोपहर 2:30 बजे आदमपुर में लैंड करती है और 2:45 बजे वापस दिल्ली के लिए उड़ान भरती है। नियमों के मुताबिक अधिकतर यात्री दो बजे तक एयरपोर्ट पर रिपोर्ट कर चुके थे और पैसेंजर वेटिंग लाउंज में जहाज के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। बीते सप्ताह भी इसी तरह से फ्लाइट कैंसिल कर देनी पड़ी थी। तब वजह तकनीकी खामी ही बताई गई थी।