मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम है तेल की लगातार बढ़ती कीमतें : जाखड़
काग्रेस की ओर से भारत बंद की काल के तहत पेट्रोल-डीजल की लगातर बढ़ती कीमतों को कम करने को लेकर काग्रेस ने शहर में रोष मार्च निकाला और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, जालंधर : काग्रेस की ओर से भारत बंद की काल के तहत पेट्रोल-डीजल की लगातर बढ़ती कीमतों को कम करने को लेकर काग्रेस ने शहर में रोष मार्च निकाला और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सुबह 10.30 बजे के करीब पंजाब प्रदेश काग्रेस प्रधान व सासद सुनील जाखड़ के नेतृत्व में जिला काग्रेस शहरी के प्रधान दलजीत सिंह आहलुवालिया, सासद संतोख सिंह चौधरी, विधायक राजिंद बेरी, परगट सिंह और मेयर जगदीश राजा समेत काग्रेसी नेता और वर्करों ने कंपनी बाग चौक रोष मार्च शुरू किया। मार्च के दौरान काग्रेसियों ने दुकानें भी बंद करवाई। ज्योति चौक, रैणक बाजार, फगवाड़ा गेट बाजार से होते हुए वापस 12.00 बजे कंपनी बाग चौक पहुंचे। काग्रेस की ओर से घोषित 3.00 बजे तक भारत बंद असर 12.00 बजे तक ही दिखा। रोष मार्च के दौरान जहा-जहा से काग्रेसी गुजर रहे थे, दुकानों के शटर बंद रहे, मार्च आगे निकलता गया और दुकानों के शटर खुलते रहे।
रोष मार्च के बाद पत्रकारों से बातचीत में जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। यही कारण है कि आज पेट्रोल की कीमत 83 रुपए से ऊपर और डीजल की कीमत 73 रुपए से ऊपर पहुंचा चुकी है। हैरानी की बात है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 86 रुपए से ऊपर है। जाखड़ ने कहा कि अगर देश को महंगाई की मार से बचाना है तो मोदी सरकार को चलता करना होगा। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर, 2014 को जब काग्रेस ने सरकार छोड़ी थी, उस समय कच्चे तेल की कीमतें 107 रुपए डॉलर थी और डीजल का रेट 55.49 रुपए था। आज मोदी सरकार के समय कच्चे तेल की कीमतें 73 रुपए डॉलर है और डीजल का रेट 73 रुपए से ज्यादा है।
जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद चार साल में अब तक 12 बार एक्साइज ड्यूटी में बदलाव किया है। ऐसा करके सरकार ने देश की जनता का 1300 करोड़ रुपया इकट्ठा कर लिया है। तेल की कीमत से पूरा देश त्रस्त है, केंद्र सरकार चुप बैठी है।
पीएम किसी की राय नहीं लेते, अब जनता जवाब देगी
जाखड़ ने कहा कि पीएम मोदी अपने किसी साथी मंत्री या सीनियर नेताओं की किसी भी मामले में राय नहीं लेते, न किसी मंत्री या नेता में हिम्मत है कि उनको राय दे सके। अब पीएम मोदी तैयार रहे, क्योंकि आने वाले लोकसभा चुनावों में देश की जनता उनको राय दे देगी। चुनावों के निकट हो सकता है कि मोदी सरकार देशवासियों को कोई राहत देने की घोषणा कर दे, लेकिन जनता अब समझ चुकी है, बहकावे नहीं आएगी।