केपी को मनाने पहुंचे जेल मंत्री रंधावा, मीटिंग के बाद बोले निजी दौरे पर आया था
टिकट न मिलने से नाराज पूर्व सांसद महिंदर सिंह केपी को मनाने पहुंचे जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को खाली हाथ लौटना पड़ा है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। टिकट न मिलने से नाराज पूर्व सांसद महिंदर सिंह केपी को मनाने पहुंचे जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को खाली हाथ लौटना पड़ा है। हालांकि दोनों ने ही इस बात से इनकार किया है कि वे टिकट को लेकर उपजे नाराजगी के सिलसिले में मिले हैं। जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि केपी परिवार के साथ उनके पुराने संबंध हैं और इसी कारण से उनसे मिलने आए हैं। टिकट को लेकर नाराजगी दूर करने के लिए हाईकमान ने उनकी कोई ड्यूटी नहीं लगाई है, वह अपने निजी दौरे पर आए थे। इसी तरह महिंदर सिंह केपी ने कहा कि सुक्खी रंधावा के साथ सिर्फ पंजाब के राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई है। पारिवारिक संबधों के कारण वह मिलने आए थे। केपी ने कहा कि मैं अभी भी अपने स्टैंड पर कायम हूं और परिवार व समर्थकों के फैसले पर ही अपनी रणनीति तय करूंगा। केपी ने कहा कि अगर समर्थक कहेंगे कि कुएं में छलांग लगा दो तो उससे भी पीछे नहीं हटूंगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अकाली दल में शामिल हो सकते हैं तो केपी ने कहा कि जब वह कह रहे हैं कि समर्थकों के कहने पर कुछ भी कर सकते हैं तो यह भी उसी में शामिल है। मीटिंग के दौरान ही विधायक परगट सिंह भी केपी से मिलने पहुंचे। चौधरी विरोधी केपी के साथ, आहलुवालिया भी पहुंचे पूर्व सांसद महिंदर सिंह केपी को टिकट न मिलने के बाद बदल रहे राजनीतिक समीकरणों में चौधरी संतोख सिंह विरोधी नेता केपी से जुड़ने लगे हैं। इस कड़ी में जिला कांग्रेस के पूर्व प्रधान दलजीत सिंह आहलुवालिया और अरुण वालिया कई नेताओं के साथ केपी से मिलने पहुंचे। उनके साथ यशपाल धीमान, अशोक गुप्ता, सतनाम बिट्टा भी थे। इनमें से ज्यादातर नेता एंटी चौधरी हैं।
दलजीत सिंह आहलुवालिया की भी चौधरी परिवार के साथ नाराजगी है। यह नाराजगी यूथ राजनीति को लेकर हे। पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान रहे चौधरी विक्रमजीत ¨सह का आहलुवालिया के बेटे काकू आहलुवालिया ने राजनीतिक विवाद है। वह सभी नेता जो चौधरी से किसी न किसी कारण से नाराज हैं वह अब केपी के समर्थन में जुट रहे हैं। इसमें यूथ कांग्रेस के प्रधान अश्वन भल्ला भी हैं।
केपी नाराज, आदमपुर हलके की कांग्रेस असमंजस में
आदमपुर जालंधर लोकसभा सीट को लेकर मचे घमासान के बीच मोहिंदर सिंह केपी की नाराजगी के बाद आदमपुर में कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता असमंजस में हैं। बीते विधानसभा चुनाव हारने के बाद हाईकमान ने केपी को आदमपुर का हलका इंचार्ज लगा दिया। लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर टिकट न मिलने से नाराज केपी के बगावती सुरों आदमपुर हलके के कांग्रसियों को दुविधा में डाल रखा है। अभी तक चाहे कुछ लोग खुलकर केपी के पक्ष में हैं लेकिन हलका इंचार्ज रहते उनके साथ काम करने वाली टीम चुप्पी साधे है। सभी नेता वेट एंड वाच की पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। इस संबंध में ब्लाक कांग्रेस प्रधान रणदीप सिंह राणा नाजका ने माना कि उनके लिए स्थिति अभी दुविधापूर्ण बनी हुई ही। उन्होंने मामले का हल पार्टी प्लेटफार्म होने की उम्मीद जताई।