Women's Day: पंजाब पुलिस में आईटी एक्सपर्ट SI मोनिका जैसा कोई नहीं, यूं जमाई विभाग में धाक
पंजाब पुलिस की सब इंस्पेक्टर मोनिका अरोड़ा की आईटी क्षेत्र में महारत देख उन्हें साइबर क्राइम में स्पेशल तैनाती दी गई। यहां रहते उन्होंने अब तक चार सौ से ज्यादा केस सुलझाए हैं।
जालंधर [मनीष शर्मा]। महिलाएं आज किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है। इसकी एक मिसाल पंजाब पुलिस की सब इंस्पेक्टर मोनिका अरोड़ा है। उनकी आईटी क्षेत्र में महारत देख उन्हे साइबर क्राइम में स्पेशल तैनाती दी गई। उन्होंने पिछले दस माह मे तीन साइबर टीमों की अगुवाई कर 400 से ज्यादा केस सुलझाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। जालंधर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर सेल में तैनात मोनिका अरोड़ा 2015 में सीधे सब इंस्पेक्टर भर्ती हुई थी। उनकी पहली तैनाती अमृतसर बॉर्डर रेंज में हुई थी।
मोनिका ने पंजाब यूनीवर्सिटी पटियाला से एमएससी (आईटी) व एमसीए की पढ़ाई की। इस बारे में जब पुलिस के आला अफसरों को पता चला तो उनकी तैनाती बॉर्डर रेंज अमृतसर से मोहाली स्थित पंजाब की इकलौती साइबर क्राइम यूनिट में कर दी गई।
बढ़ते साइबर क्राइम देख फिर पंजाब पुलिस ने लुधियाना के साथ जालंधर में भी साइबर क्राइम यूनिट बनाने का फैसला किया। यह फैसला होने के बाद जालंधर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर पीके सिन्हा ने एसआइ मोनिका अरोड़ा को इस यूनिट का इंजार्ज बनाने का प्रपोजल डीजीपी को भेजा। मई 2018 में यहां साइबर सेल बनने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान उनके पास सोशल मीडिया यानि फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट से लेकर ऑनलाइन ब्रॉड, एटीएम क्लोनिग जैसी साइबर क्राइम की 600 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं।
एसआइ मोनिका के अधीन साइबर सेल में तीन टीमें काम कर रही हैं। जिनमें सोशल मीडिया की शिकायतें, एटीएम फ्रॉड व ई-मेल हैक जैसी शिकायतो के लिए यह टीमें काम करती हैं। एसआई मोनिका के मुताबिक अगर किसी के साथ कोई क्राइम होता है तो इस बारे में पुलिस कमिश्नर दफ्तर में शिकायत कर सकते हैं, जो जांच के लिए उन्हें भेजी जाती है।
साइबर क्राइम से बचने को जागरूकता पर दिया जोर
उन्होने साइबर क्राइम से बचने को जागरूकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवतियां या महिलाएं जब सोशल नेटवर्किग साइट्स पर अपनी फोटो डालती हैं तो उन्हें प्राइवेसी लगानी चाहिए क्योकि कुछ लोग उसका मिसयूज कर लेते हैं। एटीएम फ्रॉड से बचने के लिए एटीएम कार्ड का हमेशा अकेले ही इस्तेमाल करना चाहिए। बैंक व अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी को नहीं बतानी चाहिए।
सब इंस्पेक्टर मोनका अरोड़ा।