जख्मों पर मरहम, इराक मारे गए चार युवकों के परिजनों को मिली सरकारी नौकरी
ईराक में मारे गए जालंधर के 6 व्यक्तियों में से चार के आश्रितों को सरकार नौकरी दे दी है। डीसी वरिंदर शर्मा ने कहा कि पाचवें आश्रित को भी जल्द नौकरी मिल जाएगी।
जेएनएन, जालंधर। इराक के मोसुल में वर्ष 2014 में मौत के घाट उतारे गए पंजाबी युवकों के शवों के अवशेष इसी वर्ष भारत पहुंचे थे। मारे गए अधिकांश लोग पंजाब के रहने वाले थे। उस समय पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को नौकरी देने का वादा किया था। मृतकों में जालंधर के युवक भी थे, जिनमें चार मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं।
बता दें, सभी मृतकों की अस्थियां 3 अप्रैल को उनके पैतृक गांव पहुंची थी। उस समय पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। फिलहाल सरकार प्रभावित परिवारों को 20 हजार रुपये मासिक आर्थिक सहायता दे रही थी। नौकरी दिए जाने के बाद अब ये अतिरिक्त सहायता बंद कर दी जाएगी।
15 जून 2014 को अलकायदा के हमले में लापता हुए थे 39 भारतीय
मोसुल शहर में अलकायदा के हमले में 15 जून 2014 को वहां कामकाज के लिए गए 39 भारतीय अचानक गायब हो गए थे। इनमें से छह जालंधर शहर के थे। इनमें गांव आलेवाली निवासी संदीप कुमार, गांव खानके निवासी कुलविंदर सिंह, बाथकलां निवासी रूपलाल, ढड्ढा गांव निवासी बलबंत राय, चूहड़वाली निवासी सुरजीत मेनका शामिल थे। इस साल मार्च के अंतिम सप्ताह में संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वीकार किया था कि जो 39 भारतीय गायब हुए थे वे सब मारे जा चुके हैं। उनके अस्थि पिंजर भी मिल गए थे, जो अमृतसर हवाई अड्डे के माध्यम से जालंधर 3 अप्रैल को पहुंच गए थे।
मृतकों की शिनाख्त होने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक राशि के साथ परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। छह महीने में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद डीसी वरिंदर कुमार शर्मा ने पांच में से चार के परिजनों को नौकरी दे दी हैं, जबकि एक के परिवार के सदस्य को भी जल्द नौकरी दे दी जाएगी। डीसी शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन पीडि़त परिवारों की सहायता के लिए हर समय तैयार है।